छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य में नक्सलवाद के खिलाफ मिली बड़ी सफलता के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया है। उन्होंने इस सफलता को ‘पुनर्वास से पुनर्जीवन’ की थीम पर रेखांकित किया और दावा किया कि उत्तर बस्तर और अबूझमाड़ अब नक्सल मुक्त हो चुके हैं। मुख्यमंत्री साय ने बताया कि पिछले दो दिनों में 258 नक्सलियों का आत्मसमर्पण यह दिखाता है कि “बंदूक नहीं, विश्वास की शक्ति जीत रही है”। CM साय ने कहा, “31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त बनाने का लक्ष्य अब बहुत निकट है।” इस सकारात्मक परिवर्तन का श्रेय मुख्यमंत्री ने डबल इंजन सरकार की संवेदनशील नीतियों और दो योजनाओं को दिया: सरकार के प्रयासों से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अब तक 64 सुरक्षा कैंप स्थापित किए जा चुके हैं, जिससे सुरक्षा के साथ-साथ विकास और विश्वास की किरण भी हर गांव तक पहुंची है।
मुख्यमंत्री ने नक्सलियों से अपील करते हुए अपनी सरकार की नीति को दोहराया: “हिंसा का कोई स्थान नहीं।” उन्होंने कहा कि जो शांति और विकास का रास्ता चुनेंगे, उनका स्वागत है, लेकिन जो आतंक फैलाने की कोशिश करेंगे, उन्हें सुरक्षा बलों की सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने नक्सलियों से हथियार छोड़कर विकास की रोशनी में कदम रखने की अपील की।
‘लाल आतंक’ पर बड़ी सफलता, दो दिनों में 258 नक्सलियों का आत्मसमर्पण
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में नक्सलियों के आत्मसमर्पण को नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में ‘बड़ी सफलता’ बताया है। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए इस उपलब्धि को रेखांकित किया। शाह ने जानकारी दी कि पिछले दो दिनों में कुल 258 वामपंथी उग्रवादियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में वापसी की है। छत्तीसगढ़: आज 170 नक्सलियों ने और कल (गुरुवार को) 27 नक्सलियों ने हथियार डाले। महाराष्ट्र: कल 61 नक्सली हथियार त्याग कर लौटे।
नक्सलवाद अंतिम साँसें गिन रहा है:
अमित शाह ने आत्मसमर्पण करने वालों के भारत के संविधान में विश्वास बहाल करने के निर्णय की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार की निरंतर कोशिशों का ही यह परिणाम है कि “नक्सलवाद आखिरी साँसें ले रहा है।” गृहमंत्री ने नक्सलियों के प्रति सरकार की नीति स्पष्ट करते हुए कहा: “जो आत्मसमर्पण करना चाहते हैं उनका स्वागत है, लेकिन जो लोग हथियार उठाए रहेंगे, उन्हें हमारी सुरक्षा बलों की कठोर कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।” उन्होंने सभी नक्सलियों से हथियार त्यागकर मुख्यधारा में लौटने की अपील की।