राहुल गांधी ने शुक्रवार को फतेहपुर में रायबरेली मॉब लिंचिंग (Mob Lynching) में मारे गए दलित युवक हरिओम वाल्मीकि के शोकसंतप्त परिवार से मुलाकात की। यह मुलाकात भावुक रही, जहां हरिओम की बहन राहुल गांधी के गले लगकर फफककर रो पड़ीं।
राहुल गांधी की परिजनों से 25 मिनट की बातचीत:
राहुल गांधी ने हरिओम के पिता, भाई और बहन से लगभग 25 मिनट तक बातचीत की और उनका दर्द साझा किया। मुलाकात के बाद उन्होंने मीडिया से कहा कि इस सरकार में दलित उत्पीड़न सबसे अधिक हो रहा है।
‘न्याय तो दीजिए, मुलाकात जरूरी नहीं’:
राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील करते हुए कहा कि हरिओम के परिवार को तुरंत न्याय मिले और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। उन्होंने जोर देकर कहा:”यह लोग (पीड़ित परिवार) मुझ से मिलें, मुझ से ना मिलें… यह जरूरी नहीं है, बल्कि जरूरी बात यह है कि ये लोग अपराधी नहीं हैं। इन्होंने कोई गलती नहीं की है… अपराधी दूसरे लोग हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।”
अपराध पीड़ित पर, लग रहा अपराधी है परिवार:
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि “अपराध इस परिवार ने नहीं किया, अपराध इनके खिलाफ किया गया है और लग ऐसा रहा है कि यह लोग अपराधी हैं। इन्हें घर में बंद कर रखा है, इन्हें डराया जा रहा है।” उन्होंने कहा कि हरिओम वाल्मीकि के परिजनों को न्याय की जगह धमकाया जा रहा है और एक वीडियो भी बनाया गया था जिसमें परिवार को उनसे न मिलने की बात कहते दिखाया गया था।
फतेहपुर प्रशासन द्वारा पहले ही हरिओम के परिवार को आर्थिक मदद और नौकरी दी जा चुकी है, लेकिन राहुल गांधी ने कहा कि यह काफी नहीं है। उन्होंने परिवार की सुरक्षा और स्वतंत्रता सुनिश्चित करने की मांग की।
पूरे देश में दलितों के खिलाफ अत्याचार, हत्या और दुष्कर्म की घटनाओं का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री से अपराधियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई करने को कहा। इस संवेदनशील मामले पर राहुल गांधी के बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। राहुल गांधी के आने से पहले शहर में ‘दर्द को मत भुनाओं, वापस जाओ’ जैसे पोस्टर भी लगाए गए थे।