पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव उस समय और बढ़ गया जब तालिबान सरकार ने पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ और ISI चीफ जनरल नदीम अंजुम के काबुल दौरे के अनुरोध को ठुकरा दिया। तालिबान के इस सख्त रवैये ने पाकिस्तान को एक बड़ा राजनयिक झटका दिया है, जो अफगानिस्तान में अपनी बढ़ती उपेक्षा से पहले से ही परेशान है।
वीजा ठुकराए जाने के कारण:
- हालिया हवाई हमले: तालिबान और पाकिस्तान के बीच संबंध तब चरम पर पहुंच गए, जब पाकिस्तानी सेना ने काबुल और पक्तिका प्रांत में कथित तौर पर हवाई हमले किए। तालिबान ने इसे अफगानिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन बताते हुए कड़ी निंदा की और पाकिस्तान को ‘नतीजे भुगतने’ की चेतावनी दी।
- TTP का मुद्दा: पाकिस्तान लंबे समय से अफगानिस्तान पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के आतंकियों को शरण देने का आरोप लगा रहा है। पाकिस्तान इन हमलों को TTP कमांडरों को निशाना बनाने के लिए ‘आत्मरक्षा’ की कार्रवाई बता रहा है, जबकि तालिबान इसे अपने क्षेत्र में हमला मानता है।
- बढ़ता तनाव: पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अफगानिस्तान को ‘दुश्मन नंबर 1’ तक घोषित कर दिया है, जिससे दोनों देशों के बीच संबंधों में कड़वाहट और बढ़ गई है।
- भारत से तालिबान की बढ़ती नजदीकी: तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी का भारत दौरा भी पाकिस्तान को रास नहीं आया है। पाकिस्तान में इस बात पर निराशा है कि जिस तालिबान को उसने वर्षों तक पाला, वह अब भारत के प्रति झुकाव दिखा रहा है।
माना जा रहा है कि तालिबान ने इन यात्राओं को अस्वीकार करके पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया है कि वह अपनी जमीन पर पाकिस्तानी सैन्य कार्रवाई और राजनयिक बयानों को बर्दाश्त नहीं करेगा।