पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में एक मेडिकल छात्रा के साथ हुए कथित सामूहिक दुष्कर्म के मामले को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार पर चौतरफा निशाना साधा जा रहा है।
सीपीआईएम के बंगाल महासचिव मोहम्मद सलीम ने इस मुद्दे पर बंगाल सरकार को आड़े हाथों लिया और तीखा पलटवार किया। उन्होंने सवाल उठाते हुए पूछा, ‘क्या पश्चिम बंगाल में तालिबान शासन है? जहां महिलाएं रात में आजादी से घूम भी नहीं सकतीं..वे नौकरी के लिए बाहर नहीं जा सकतीं।’
यह बयान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने रविवार को कथित सामूहिक दुष्कर्म मामले पर चौंकाने वाला बयान दिया था। ममता बनर्जी ने कहा था कि कॉलेजों को अंधेरा होने के बाद लड़कियों को बाहर निकलने से रोकना चाहिए और खुद लड़कियों को भी रात में बाहर जाने से बचना चाहिए।
सीपीआईएम नेता मोहम्मद सलीम ने ममता बनर्जी के इस बयान की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि ‘पश्चिम बंगाल पुलिस ने जांच पूरी तरह से ठप कर दी है, अपराधियों को बचाया जा रहा है।’ उन्होंने आगे कहा कि ‘सरकार की मानसिकता राजा राम मोहन राय और विद्या सागर की विचारधारा से बिल्कुल उलट है, स्त्री-पुरुष समान हैं, क्या ममता सरकार इसे स्वीकार करती है या नहीं?’
सलीम ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में इस समय हर उम्र की महिलाएं असुरक्षित महसूस कर रही हैं और ‘बंगाल में पुलिस और कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है।’
यह विवादित घटना और मुख्यमंत्री का बयान राज्य में महिला सुरक्षा और कानून व्यवस्था को लेकर राजनीतिक टकराव को बढ़ा रहा है।