मानवता की भलाई और ज्ञान के क्षेत्र में असाधारण उपलब्धि हासिल करने वालों को हर साल दिया जाने वाला नोबेल पुरस्कार इस बार फिर चर्चा में है। इस वर्ष के नोबेल शांति पुरस्कार 2025 की घोषणा हो चुकी है और यह प्रतिष्ठित सम्मान वेनेजुएला की मुखर विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो को प्रदान किया गया है। आइए उनके प्रेरणादायक शैक्षणिक सफर और संघर्षपूर्ण करियर पर एक नज़र डालें।
मारिया कोरिना मचाडो: लोकतंत्र और मानवाधिकारों की प्रखर आवाज
मारिया कोरिना मचाडो वेनेजुएला की एक प्रमुख राजनेता, मानवाधिकारों की वकील और लोकतंत्र की प्रबल पक्षधर हैं। उन्होंने लंबे समय से अपने देश में लोकतंत्र की स्थापना, चुनावी पारदर्शिता और नागरिक स्वतंत्रता के लिए अथक संघर्ष किया है। उनका जन्म 7 अक्टूबर 1967 को वेनेजुएला की राजधानी कराकस में हुआ था।
शैक्षणिक सफर
मारिया कोरिना मचाडो का शैक्षणिक रिकॉर्ड भी प्रभावशाली रहा है:
- औद्योगिक इंजीनियरिंग: उन्होंने एन्ड्रेस बेल्लो कैथोलिक यूनिवर्सिटी (Andrés Bello Catholic University) से औद्योगिक इंजीनियरिंग में अपनी डिग्री प्राप्त की। यह उनकी विश्लेषणात्मक और समस्या-समाधान क्षमताओं की नींव बनी।
- वित्त में मास्टर्स: इसके बाद, उन्होंने इंस्टीट्यूटो डी एस्टुडिओस सुपीरियरेस डी एडमिनिस्ट्रेशन (Instituto de Estudios Superiores de Administración – IESA) से वित्त (Finance) में मास्टर्स की डिग्री हासिल की। यह डिग्री उन्हें आर्थिक और प्रशासनिक नीतियों को समझने और उन पर अपनी बात रखने में सहायक सिद्ध हुई।
संघर्षपूर्ण करियर और राजनीतिक यात्रा
मचाडो ने अपने करियर की शुरुआत 2002 में की, जब उन्होंने वेनेज़ुएला के चुनाव निगरानी और नागरिक अधिकार समूह, सुमाते (Súmate) की सह-संस्थापक और नेता के रूप में राजनीति में प्रवेश किया। यह संगठन चुनावों में पारदर्शिता और नागरिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए स्थापित किया गया था।
- संसद सदस्य: 2010 से 2015 तक उन्होंने संसद सदस्य के रूप में कार्य किया। इस दौरान वे सभी उम्मीदवारों में सबसे अधिक मतों से निर्वाचित हुईं, जो उनकी लोकप्रियता और जनसमर्थन को दर्शाता है।
- लोकतंत्र के लिए संघर्ष: सुश्री मचाडो ने वेनेजुएला में बढ़ती तानाशाही प्रवृत्तियों और मानवाधिकारों के हनन के खिलाफ लगातार आवाज उठाई। उन्होंने सरकार की नीतियों की आलोचना की और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व किया। इस संघर्ष के दौरान उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसमें राजनीतिक उत्पीड़न और पद से हटाया जाना भी शामिल है।
- नोबेल शांति पुरस्कार: सुश्री मचाडो को वेनेजुएला में लोकतंत्र को बढ़ावा देने और नागरिक स्वतंत्रता की रक्षा के उनके अथक प्रयासों के लिए यह नोबेल शांति पुरस्कार मिल रहा है। यह सम्मान उनके दृढ़ संकल्प, साहस और शांतिपूर्ण तरीके से बदलाव लाने के उनके समर्पण का प्रतीक है।
मारिया कोरिना मचाडो का जीवन और करियर उन सभी लोगों के लिए एक मिसाल है जो अपने देश में न्याय, लोकतंत्र और मानवाधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनका यह पुरस्कार वैश्विक स्तर पर उनके संघर्ष को मान्यता देता है और उम्मीद की एक नई किरण जगाता है।