करवा चौथ का पावन पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर मनाया जाता है। यह दिन प्रेम, समर्पण और सौभाग्य का प्रतीक है। इस वर्ष यह पर्व 10 अक्तूबर को मनाया जा रहा है। सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु, उत्तम स्वास्थ्य और वैवाहिक जीवन की सुख-समृद्धि के लिए निर्जला उपवास रखती हैं।
मान्यता है कि जो महिला इस दिन व्रत रखकर करवा माता की पूजा-अर्चना करती हैं, उन्हें अखंड सौभाग्य, दांपत्य सुख और पारिवारिक समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। व्रत का पारण चंद्र दर्शन के बाद ही किया जाता है, जिसके बिना यह व्रत अधूरा माना जाता है।
शुभ मुहूर्त और तिथि
विवरण | समय/जानकारी |
चतुर्थी तिथि प्रारंभ | 9 अक्तूबर, देर रात 10 बजकर 54 मिनट से |
चतुर्थी तिथि समापन | 10 अक्तूबर, शाम 07:38 मिनट पर |
करवा चौथ व्रत | 10 अक्तूबर (आज) |
पूजा का शुभ मुहूर्त | शाम 5 बजकर 57 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 11 मिनट तक |
शुभ योग | कृत्तिका नक्षत्र (शाम 5:31 मिनट तक) और सिद्ध योग (शाम 5:41 मिनट तक) |
राहुकाल | सुबह 10 बजकर 40 मिनट से दोपहर 12:07 मिनट तक |
अभिजीत मुहूर्त | सुबह 11 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12:30 तक |
चन्द्रमा की स्थिति | वृषभ राशि में |
पूजा विधि और सामग्री
पूजा विधि
- एक साफ चौकी पर करवा माता की तस्वीर रखें।
- चौकी के पास कलश में साफ जल भरकर रखें।
- थाली में सिंदूर, दीपक, गंगाजल, अक्षत, हल्दी, फूल और गुड़ रखें।
- दीपक और धूपबत्ती जलाएं।
- माता करवा को फूल माला पहनाएं और फूल अर्पित करें।
- पैसे, हल्दी, मिठाई, अक्षत और ताजे फल भी रखें।
- करवा चौथ के व्रत की कथा सुनें और दान के लिए सामग्री निकाल कर रखें।
- रात को चंद्रमा के निकलने के बाद चंद्रदेव की पूजा करें और उन्हें जल से अर्घ्य दें।
- इसके बाद, छलनी से चंद्रमा देखें और फिर इसी छलनी से पति की ओर देखें।
- पति के हाथों से जल ग्रहण करें, पैर छूकर आशीर्वाद लें और व्रत का पारण करें।
पूजा सामग्री
- मिट्टी का एक कलश, चंदन और तांबे का लोटा।
- फूल, फूल माला, दीपक, धूप, रोली, चावल (अक्षत), मिठाई, फल, मेवे।
- करवा चौथ की कथा की पुस्तक, छलनी, शुद्ध जल, दूध और दान का सामान।
करवा चौथ व्रत के 5 खास नियम
- सूर्योदय से पहले सरगी ग्रहण करना शुभ होता है, इसके बाद किसी भी चीज का सेवन न करें।
- व्रत की कथा का पाठ हमेशा 16 श्रृंगार और लाल जोड़े में करना चाहिए।
- चंद्रमा देखने के बाद ही व्रत का पारण करें, अन्यथा व्रत अधूरा माना जाता है।
- पूरे दिन निर्जला उपवास रखें।
- व्रत में तामसिक चीजों (मांस, मदिरा आदि) का सेवन न करें और नुकीली चीजों का उपयोग न करें।
चंद्रमा उदय का समय (Karwa Chauth Moonrise Timing)
व्रत का पारण चंद्र दर्शन के बाद ही किया जाता है। आपके शहर में चंद्रोदय का अनुमानित समय (रात) इस प्रकार है:
शहर | अनुमानित चंद्रोदय समय (रात) |
दिल्ली | 08:13 |
मुंबई | 08:55 |
कोलकाता | 07:41 |
चंडीगढ़ | 08:08 |
लखनऊ | 08:02 |
कानपुर | 08:06 |
भोपाल | 08:26 |
जयपुर | 08:22 |
पटना | 07:48 |
चेन्नई | 08:37 |
बंगलूरू | 08:48 |
अहमदाबाद | 08:47 |
पूजन मंत्र और उपाय
पूजन मंत्र
- श्रीगणेश का मंत्र: ॐ गणेशाय नमः
- शिव का मंत्र: ॐ नमः शिवाय
- पार्वतीजी का मंत्र: ॐ शिवायै नमः
- स्वामी कार्तिकेय का मंत्र: ॐ षण्मुखाय नमः
- चंद्रमा का पूजन मंत्र: ॐ सोमाय नमः
करवा चौथ उपाय
- करवा चौथ के दिन करवा माता की पूजा करें और उनकी कथा का पाठ करें, इससे जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।
- इस दिन सुहागिन महिलाओं को सुहाग की चीजों का दान करें, यह अत्यंत शुभ होता है।
- इस तिथि पर भगवान गणेश और गौरी शंकर की पूजा-अर्चना करने से व्रत का संपूर्ण फल मिलता है।
- सोलह श्रृंगार के साथ चंद्रदेव की पूजा करने से वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है।
- 7 सुहागिन महिलाओं का आशीर्वाद लेकर व्रत का पारण करने से जीवन सुखमय बनता है।