कोल्ड्रिफ कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामले में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। मध्य प्रदेश और राजस्थान में इस सिरप को पीने से अब तक कम से कम 19 बच्चों की जान जा चुकी है। यह सिरप तमिलनाडु की श्रीसन फार्मास्युटिकल्स द्वारा निर्मित है, जिसमें अत्यधिक जहरीला रसायन ‘डायथिलीन ग्लाइकॉल’ (DEG) मिला पाया गया है।
जाँच में पता चला है कि यह कंपनी 16 साल से ज़्यादा समय से नियमों का उल्लंघन कर रही थी। कंपनी की न तो सालाना आम बैठक हुई और न ही बैलेंस शीट अपडेट की गई। कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) के रिकॉर्ड्स के अनुसार, कंपनी को 2007 से ‘निष्क्रिय कंपनी’ (dormant company) माना गया है और उसे ‘स्ट्राइक ऑफ’ (Strike Off) भी कर दिया गया था, जिसका मतलब है कि उसका नाम रिकॉर्ड से हटा दिया गया था।
मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत के बाद डॉक्टर को गिरफ्तार किया गया और कंपनी के निदेशकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। तमिलनाडु सरकार ने कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसकी बिक्री और निर्माण पर रोक लगा दी है। जहरीले रसायन की मात्रा इतनी अधिक थी कि इसने बच्चों की किडनी को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया, जिससे उनकी मौत हो गई। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों ने भी इस सिरप की बिक्री पर तत्काल रोक लगाने के निर्देश जारी किए हैं। यह त्रासदी भारत में दवा गुणवत्ता नियंत्रण पर गंभीर सवाल खड़े करती है।