राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने सतना के सिंधी कैंप स्थित बाबा मेहर शाह दरबार के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने एकता और सनातन परंपरा पर ज़ोर दिया। मोहन भागवत ने कहा कि “हम सब एक हैं, सभी सनातनी और हिंदू हैं।” उन्होंने अहंकार छोड़कर स्वयं को पहचानने और सिंधी समाज को “अपने ही लोग” बताते हुए एकजुट होकर “घर वापस लेने” की बात कही। डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि सिंधी समाज के लोग हमारे ही हैं। हमारे घर में किसी ने कब्जा कर लिया। हमें एकजुट होकर अपने घर वापस लेना होगा। इसके लिए जरूरी है कि हम अपनी पारंपरिक वेशभूषा भाषा, रहन-सहन को याद रखें।
हालांकि, उन्होंने सीधे तौर पर PoK का उल्लेख नहीं किया, लेकिन “घर वापस लेना होगा” और “हमारे घर में किसी ने कब्जा कर लिया” जैसे शब्दों का प्रयोग, सिंधी समुदाय के इतिहास और देश के विभाजन के बाद उनके विस्थापन की पीड़ा को दर्शाता है। सिंधी समुदाय का मूल क्षेत्र (सिंध प्रांत) वर्तमान में पाकिस्तान में है।यह बयान पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्रों को भारत में शामिल करने की राष्ट्रीय भावना को भी बल देता है।
तीन भाषाओं का ज्ञान आवश्यक
संघ प्रमुख ने भाषा के महत्व पर भी बल दिया और कहा कि हर व्यक्ति को तीन भाषाओं का ज्ञान होना चाहिए:
- राष्ट्रभाषा
- क्षेत्रीय भाषा
- व्यवहारिक भाषा
उन्होंने यह भी कहा कि हमें भारत के “स्व” और स्वयं के “स्व” को पुनर्जीवित करना चाहिए।
बाबा मेहर शाह दरबार का महत्व
सतना का बाबा मेहर शाह दरबार एक दरगाह है, जिसका इतिहास बहुत पुराना है। यह स्थान आध्यात्मिक शांति और सद्भाव का केंद्र माना जाता है। इसकी खास बात यह है कि यह एक मुस्लिम सूफी संत का स्थान होने के बावजूद, यहां सभी धर्मों के लोग अपनी आस्था लेकर आते हैं, जो आपसी सौहार्द्र और भाईचारा का संदेश देता है। इस कार्यक्रम में दरबार प्रमुख पुरुषोत्तम दासमहाराज, उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला, राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी, सांसद गणेश सिंह सहित कई साधु-संत उपस्थित रहे।