उत्तर बंगाल और सिक्किम में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण दार्जिलिंग और कालिम्पोंग जिलों में व्यापक तबाही मची है। पुल टूटने, भूस्खलन और बाढ़ की घटनाओं में अब तक 23 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग लापता हैं। आशंका है कि मृतकों की संख्या में और वृद्धि हो सकती है।
प्रमुख रूप से प्रभावित क्षेत्र और नुकसान
- दार्जिलिंग जिले के मिरिक और सुकिया इलाके में गंभीर भूस्खलन हुआ है, जहां मिरिक में ही कम से कम छह लोगों की मौत हुई है।
- सिक्किम से संपर्क पूरी तरह टूट गया है।
- दूधिया आयरन ब्रिज (मिरिक और कुर्सेओंग को जोड़ने वाला) बालासन नदी में बह गया है, जिससे सिलीगुड़ी और मिरिक का संपर्क टूट गया है।
- सिलीगुड़ी-दार्जिलिंग स्टेट हाईवे-12 पर यातायात रोक दिया गया है।
- NH 717E पर पेडोंग और रिशिखोला के बीच भूस्खलन से सिलीगुड़ी और सिक्किम को जोड़ने वाला वैकल्पिक मार्ग भी बंद हो गया है।
- कालिम्पोंग जिले में भी सड़कें बंद हैं और संचार सेवाएं बाधित हैं।
- जलपाईगुड़ी के निचले इलाकों में पानी भर गया है।
राहत कार्य, नियंत्रण कक्ष नंबर जारी
एनडीआरएफ, स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन दल राहत-बचाव कार्य में जुटे हुए हैं, लेकिन लगातार बारिश और फिसलन भरी सड़कों के कारण बचाव कार्यों में बाधा आ रही है। प्रशासन ने लोगों से पहाड़ी रास्तों और नदी किनारों से दूर रहने की अपील की है। दार्जिलिंग पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर फंसे हुए पर्यटकों की सहायता के लिए नियंत्रण कक्ष नंबर +91 91478 89078 जारी किया है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भयावह बाढ़ पर चिंता व्यक्त की है और प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है। वह आज (सोमवार को) उत्तर बंगाल के दौरे पर आएंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ने भी इस आपदा पर गहरा दुख व्यक्त किया है और हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया है। अधिकारियों ने बताया कि यह हादसा मुख्य रूप से बेहद तीव्र बारिश और पहाड़ी ढलानों में मिट्टी खिसकने के कारण हुआ है।