इस वर्ष दीपावली का महापर्व 6 दिन का महोत्सव रहेगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर 2025 को पड़ रही है, जिस दिन मुख्य रूप से लक्ष्मी पूजन किया जाएगा। इस बार अमावस्या तिथि दो दिन होने से दीपावली की तिथि को लेकर जो भ्रम की स्थिति बन रही थी, वह पंचांग की गणना के अनुसार 20 अक्टूबर को ही लक्ष्मी पूजा के लिए सबसे उपयुक्त माना गया है, क्योंकि इस दिन प्रदोष काल में अमावस्या तिथि व्याप्त रहेगी।
छह दिवसीय दीपोत्सव का कैलेंडर:
दीपावली महोत्सव का आरंभ 18 अक्टूबर को धनतेरस से होगा और इसका समापन 23 अक्टूबर को भाई दूज के साथ होगा।
- 17 अक्टूबर: गोवत्स द्वादशी, वसुबारस (6 दिन के महोत्सव में शामिल)।
- 18 अक्टूबर: धनतेरस, यम दीपम।
- 19 अक्टूबर: काली चौदस, हनुमान पूजा।
- 20 अक्टूबर: नरक चतुर्दशी और दीपावली (लक्ष्मी पूजा)।
- 21 अक्टूबर: दीपावली स्नान।
- 22 अक्टूबर: गोवर्धन पूजा, अन्नकूट।
- 23 अक्टूबर: भाई दूज।
लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त (20 अक्टूबर 2025):
- कार्तिक अमावस्या तिथि आरंभ: 20 अक्टूबर 2025 को दोपहर 03:44 बजे।
- कार्तिक अमावस्या तिथि समाप्त: 21 अक्टूबर 2025 को शाम 05:54 बजे।
- लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त: शाम 07:08 बजे से रात 08:18 बजे तक। (अवधि- लगभग 1 घंटा 10 मिनट)
- प्रदोष काल: शाम 05:46 बजे से रात 08:18 बजे तक।
20 अक्टूबर को प्रदोष काल में अमावस्या होने के कारण इसी दिन महालक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करना अत्यंत शुभ फलदायी रहेगा। इस शुभ मुहूर्त में की गई पूजा से घर में सुख-समृद्धि, धन और वैभव आता है।