एशिया कप के फाइनल में भारत की जीत के बाद पैदा हुए ट्रॉफी विवाद में एक नया मोड़ आ गया है। इस टूर्नामेंट में टीम इंडिया ने पाकिस्तान को हराकर ट्रॉफी जीती थी, लेकिन भारतीय खिलाड़ियों ने एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) के प्रमुख और पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी के हाथों से ट्रॉफी लेने से मना कर दिया था। इस घटना के बाद नकवी ने ट्रॉफी और विजेताओं के मेडल अपने साथ ले जाने का फैसला किया, जिसके चलते सोशल मीडिया पर उनकी काफी आलोचना हुई और उन्हें ‘ट्रॉफी चोर’ तक कहा गया।
हालांकि, अब पाकिस्तान में इस घटना को अलग नजरिए से देखा जा रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान में मोहसिन नकवी को इस ‘साहसिक’ कार्य के लिए गोल्ड मेडल और ट्रॉफी से सम्मानित करने की तैयारी चल रही है। पाकिस्तानी मीडिया का एक हिस्सा नकवी के इस कदम को भारत के सामने “समर्पण न करने” और पाकिस्तान के प्रति “गहरे समर्पण” के रूप में पेश कर रहा है।
नकवी ने ट्रॉफी ले जाने के बाद कथित तौर पर यह भी कहा था कि यदि भारतीय टीम ट्रॉफी चाहती है, तो वह इसे दुबई में एसीसी के दफ्तर से ले जाए। भारत में इस हरकत को अंतरराष्ट्रीय बेइज्जती और खेल भावना के विपरीत माना जा रहा है, जबकि पाकिस्तान में इसे गर्व का विषय बनाया जा रहा है।