रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपनी सरकार को भारत के साथ बढ़ते व्यापार असंतुलन को कम करने का आदेश दिया है। इस असंतुलन को दूर करने के लिए, रूस भारत से कृषि उत्पाद और दवाइयाँ समेत अन्य सामानों की खरीद बढ़ा सकता है।
व्यापार असंतुलन की वजह
- हाल के दिनों में भारत ने रूस से कच्चे तेल का आयात बड़े पैमाने पर बढ़ाया है, जिसके चलते दोनों देशों के बीच व्यापार का संतुलन रूस के पक्ष में काफी झुक गया है।
- अमेरिका लगातार भारत पर रूस से तेल न खरीदने का दबाव बना रहा है और टैरिफ लगाने की धमकी दे चुका है। पुतिन चाहते हैं कि व्यापारिक रिश्ते मजबूत करके भारत पर अमेरिकी दबाव के असर को कम किया जाए।
पुतिन का आदेश और संभावित खरीद
पुतिन ने स्पष्ट रूप से कहा है कि व्यापार असंतुलन को दूर करने के लिए रूस, भारत से औषधीय उत्पादों और कृषि उत्पादों की खरीद में तेजी ला सकता है। उन्होंने कहा कि “भारत से और ज्यादा कृषि उत्पाद खरीदे जा सकते हैं। औषधीय उत्पादों और दवाइयों के लिए हमारी ओर से कुछ कदम उठाए जा सकते हैं।”
दोनों देश 2030 तक आपसी व्यापार को 100 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक तक पहुँचाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निवेश, ऊर्जा, कृषि और राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार निपटान पर ज़ोर दिया जा रहा है। पुतिन ने दिसंबर की शुरुआत में अपनी भारत यात्रा को लेकर भी उत्सुकता जाहिर की है।