More
    HomeHindi NewsBihar Newsबिहार में 'रिस्क' नहीं लेगी BJP: गुजरात मॉडल को अपनाने की तैयारी

    बिहार में ‘रिस्क’ नहीं लेगी BJP: गुजरात मॉडल को अपनाने की तैयारी

    आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी (BJP) बिहार में किसी भी तरह का ‘जोखिम’ लेने को तैयार नहीं है। पार्टी गुजरात फॉर्मूला अपनाते हुए राज्य की राजनीति में एक बड़ा फेरबदल करने पर विचार कर रही है। इस रणनीति के तहत, कई मौजूदा विधायकों के टिकट कट सकते हैं और नए चेहरों को चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है।

    क्यों ‘गुजरात मॉडल’ पर विचार?

    • एंटी-इनकंबेंसी फैक्टर: पार्टी के सूत्रों का मानना है कि कई मौजूदा विधायकों के खिलाफ मतदाताओं में नाराजगी (एंटी-इनकंबेंसी) है, जो चुनाव में एक बड़ी बाधा बन सकती है। इस नाराजगी से बचने के लिए विधायकों को बदलकर नए, युवा चेहरों को मौका दिया जाएगा।
    • संगठन को मजबूत करना: नए और मजबूत उम्मीदवारों को उतारकर पार्टी जमीनी स्तर पर अपनी पकड़ और संगठन को और मजबूत करना चाहती है।
    • 100 सीटों का लक्ष्य: बीजेपी ने बिहार में 100 सीटें जीतने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए पारंपरिक रणनीति से हटकर साहसिक निर्णय लेने की जरूरत महसूस की जा रही है।

    नए चेहरों को मौका

    माना जा रहा है कि गुजरात और अन्य राज्यों के विधानसभा चुनावों में सफलतापूर्वक आजमाए गए फॉर्मूले को बिहार में लागू किया जाएगा। इसका मतलब है कि कई वरिष्ठ और मौजूदा विधायकों के टिकट कट सकते हैं। नए चेहरों को टिकट देने से एक ओर जहाँ जनता की नाराजगी कम होने की उम्मीद है, वहीं दूसरी ओर युवा कार्यकर्ताओं को मौका मिलने से पार्टी में जोश बढ़ेगा।

    पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का मुख्य जोर यह सुनिश्चित करने पर है कि स्थानीय नेतृत्व को मजबूत किया जाए और केंद्र सरकार की योजनाओं को प्रभावी ढंग से जन-जन तक पहुँचाया जाए। हालांकि, कुछ नेताओं का यह भी मानना है कि बिहार की राजनीतिक समीकरण गुजरात से अलग हैं और यहाँ ‘गुजरात मॉडल’ को पूरी तरह लागू करना एक चुनौती हो सकता है।

    RELATED ARTICLES

    Most Popular

    Recent Comments