इस्लामाबाद में ब्रिटेन के पूर्व राजदूत टिम विलेसि-विल्सी ने दावा किया है कि भारत द्वारा 11 पाकिस्तानी एयरबेस पर किए गए मिसाइल हमलों ने पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया, जिसके बाद वह सैन्य सहायता के लिए सऊदी अरब के साथ एक रक्षा समझौता करने पर मजबूर हो गया।
पूर्व राजदूत ने एक लेख में कहा कि भारत के “ऑपरेशन सिंदूर” के दौरान पाकिस्तानी एयरबेस पर हुए इन अप्रत्याशित और सटीक हमलों ने पाकिस्तानी सैन्य नेतृत्व को यह एहसास करा दिया कि उनकी मौजूदा सैन्य तैयारी पर्याप्त नहीं है। इस गंभीर स्थिति के कारण, पाकिस्तान को अपनी रक्षा क्षमता मजबूत करने के लिए रियाद (सऊदी अरब) से सहयोग मांगना पड़ा।
रक्षा समझौते की आवश्यकता
विलेसि-विल्सी के अनुसार, भारत ने 90 मिनट के भीतर पाकिस्तान के 11 महत्वपूर्ण एयरबेस, जिनमें नूर खान/चकलाला (रावलपिंडी के पास), मुरीद और सरगोधा जैसे अहम ठिकाने शामिल थे, पर हमला करके पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाया था। इन हमलों ने पाकिस्तान की हवाई श्रेष्ठता बनाए रखने की क्षमता को नष्ट कर दिया, जिससे वह भारत के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने में अक्षम हो गया।
घबराए पाकिस्तान ने तुरंत सऊदी अरब से रणनीतिक सहयोग के लिए संपर्क किया, जिसके परिणामस्वरूप दोनों देशों के बीच एक रक्षा समझौता हुआ।
सऊदी-भारत संबंध पर टिप्पणी
पूर्व राजदूत ने यह भी टिप्पणी की कि यह समझौता पाकिस्तान को एक ‘सांस लेने की जगह’ तो देता है, लेकिन उसे इस पर बहुत अधिक निर्भर नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत और सऊदी अरब के संबंध काफी अच्छे हैं और भारत एक उभरती हुई महाशक्ति है, इसलिए सऊदी अरब खुद को भारत से दूर नहीं रखना चाहेगा। ऐसे में, सऊदी अरब से पाकिस्तान को सीधा और पूर्ण सैन्य सहारा मिलने की संभावना कम है।
भारत ने उड़ाए 11 एयरबेस.. इसलिए पाक ने सऊदी से किया समझौता : पूर्व UK राजदूत
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