प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाजा में चल रहे इजरायल-हमास संघर्ष को समाप्त करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप द्वारा घोषित 20-सूत्रीय व्यापक शांति योजना का स्वागत किया है। पीएम मोदी ने कहा कि वह राष्ट्रपति ट्रंप की पहल का स्वागत करते हैं, क्योंकि यह योजना:
- दीर्घकालिक और स्थायी शांति के लिए एक व्यवहार्य मार्ग प्रदान करती है।
- यह फिलिस्तीनी और इजरायली लोगों के साथ-साथ व्यापक पश्चिम एशियाई क्षेत्र के लिए सुरक्षा और विकास का मार्ग प्रशस्त करती है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी संबंधित पक्ष इस पहल के पीछे एकजुट होंगे और संघर्ष को समाप्त करने तथा क्षेत्र में शांति सुनिश्चित करने के इस प्रयास का समर्थन करेंगे।
ट्रंप का 20-सूत्रीय शांति प्रस्ताव
व्हाइट हाउस ने यह शांति योजना सोमवार को जारी की थी। इस दौरान ट्रंप ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात भी की।
ट्रंप की योजना की मुख्य बातें:
- तत्काल युद्धविराम और बंधकों की रिहाई: इस समझौते को स्वीकार किए जाने पर युद्ध को तत्काल समाप्त करने का प्रावधान है। साथ ही, सभी बंदियों (जीवित और मृत) को 72 घंटों के भीतर वापस लौटा दिया जाएगा।
- हमास को चेतावनी: ट्रंप ने कहा कि अगर हमास इस प्रस्ताव को मान लेता है, तो सभी बंधकों को रिहा कर दिया जाएगा और युद्ध खत्म हो जाएगा। हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि अगर हमास ने इसे ठुकरा दिया, तो इजरायल को हमास के खतरे को खत्म करने के लिए पूरा अमेरिकी समर्थन मिलेगा।
- गाजा की तकनीकी सरकार: गाजा के लिए एक अस्थायी तकनीकी सरकार की स्थापना का प्रावधान है।
- नो इजरायली कब्ज़ा: समझौते में स्पष्ट किया गया है कि इजरायल गाजा पर कब्जा नहीं करेगा और किसी भी निवासी को जबरन बाहर नहीं निकाला जाएगा।
- पुनर्निर्माण के लिए अंतरराष्ट्रीय संस्था: गाजा की देखरेख और पुनर्निर्माण के ढांचे के लिए ‘बोर्ड ऑफ पीस’ नामक एक अंतरराष्ट्रीय संस्था का गठन होगा। इस संस्था का नेतृत्व स्वयं ट्रंप करेंगे, और इसमें पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर भी शामिल होंगे। यह संस्था तब तक आर्थिक मदद और पुनर्निर्माण का कार्य देखेगी, जब तक कि फिलिस्तीनी प्राधिकरण सुधार कर नियंत्रण संभालने के लिए तैयार न हो जाए।