शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा भारतीय फार्मा दवाओं पर 100% आयात शुल्क (टैरिफ) लगाने की घोषणा के बाद घरेलू बाजार में भारी बिकवाली देखी गई। शुरुआती कारोबार में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 329.66 अंक टूटकर 80,830.02 पर आ गया, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 105.7 अंक लुढ़ककर 24,785.15 पर कारोबार कर रहा था।
बाजार में इस गिरावट की मुख्य वजह फार्मा शेयरों में भारी बिकवाली रही। सेंसेक्स समूह में सन फार्मा के शेयर तीन प्रतिशत से अधिक टूट गए। इसके अलावा, एशियन पेंट्स, टेक महिंद्रा, इन्फोसिस, पावर ग्रिड, एचसीएल टेक और टाटा स्टील जैसे प्रमुख शेयरों में भी गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, एलएनटी, टाटा मोटर्स, आईटीसी और ट्रेंट के शेयर बढ़त में रहे।
एनरिच मनी के सीईओ पोनमुडी आर. ने कहा कि ट्रंप प्रशासन द्वारा 1 अक्टूबर से ब्रांडेड और पेटेंटेड दवाओं पर 100% आयात शुल्क लगाने की घोषणा से घरेलू फार्मा सेक्टर पर निवेशकों की नजर रहेगी। उन्होंने बताया कि यह कदम एच-1बी वीजा फीस में भारी बढ़ोतरी के बाद आया है, जिसने पहले ही आईटी सेक्टर के शेयरों में तेज बिकवाली शुरू कर दी है।
गिरावट का एक अन्य प्रमुख कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की लगातार निकासी भी रही। विनिमय आंकड़ों के अनुसार, एफआईआई ने गुरुवार को 4,995.42 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के वी. के. विजयकुमार ने कहा कि एफआईआई की लगातार बिकवाली बाजार को दबाव में रख सकती है।
वैश्विक बाजारों की कमजोरी का असर भी घरेलू बाजार पर रहा। एशियाई बाजारों में सियोल का कोस्पी, जापान का निक्केई 225, शंघाई कम्पोजिट और हॉन्ग कॉन्ग का हैंगसेंग सभी नीचे कारोबार कर रहे थे। इससे पहले गुरुवार को भी सेंसेक्स 555.95 अंक और निफ्टी 166.05 अंक गिरकर बंद हुए थे।