‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में की गई कार्रवाई में हुए नुकसान को पाकिस्तान भले ही नकारता रहा हो, लेकिन अब जैश-ए-मोहम्मद के बाद लश्कर-ए-तैयबा के एक कमांडर ने खुद इस तबाही को स्वीकार किया है।
लश्कर कमांडर ने कबूला सच
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में, लश्कर कमांडर कासिम यह कहते हुए नजर आ रहा है कि “मैं मुरिदके में मरकज तैयबा के खंडहरों पर खड़ा हूं, जो भारतीय हमले में नष्ट हो गया था।” यह बयान पाकिस्तान के उस दावे के ठीक उलट है, जिसमें वह भारतीय सेना की कार्रवाई में किसी भी बड़े नुकसान से इनकार करता रहा है। वीडियो में कासिम एक निर्माणाधीन स्थल के पास खड़ा है और कहता है कि इस आतंकी शिविर का पुनर्निर्माण किया जा रहा है और अल्लाह की रहमत से यह मस्जिद पहले से भी बड़ी बनाई जाएगी।
कासिम ने यह भी कबूल किया कि नष्ट की गई इस मस्जिद में कई मुजाहिदीन और तलबा (छात्रों) को प्रशिक्षण दिया गया था। मुरिदके, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित है।
पाकिस्तान सरकार की खुली पोल
एक तरफ पाकिस्तान सरकार दावा करती रही है कि नष्ट की गई इमारत का अब आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल नहीं होता था, वहीं वायरल वीडियो में कासिम पाकिस्तान के युवाओं से मुरिदके में ‘दौरा-ए-सुफ्फा’ नाम के जिहादी प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल होने की अपील करता दिख रहा है। यह कार्यक्रम धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ बुनियादी आतंकवादी प्रशिक्षण भी देता है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सेना ने 7 मई की रात को पाकिस्तान और PoK में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। इनमें जैश-ए-मोहम्मद का बहावलपुर, हिज्बुल मुजाहिदीन का सियालकोट और लश्कर के बारनाला और मुजफ्फराबाद जैसे शिविर भी शामिल थे। एक अन्य वायरल वीडियो में, लश्कर-ए-तैयबा का उप-प्रमुख सैफुल्लाह कसूरी यह दावा करता नजर आया कि पाकिस्तान की सरकार और सेना ने मुरिदके में इस आतंकी मुख्यालय के पुनर्निर्माण के लिए पैसे दिए हैं, जो सीधे तौर पर पाकिस्तान की आतंकवाद को दी जा रही मदद को उजागर करता है।