कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर “वोट चोरी” का आरोप लगाते हुए गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने कर्नाटक की अलंद विधानसभा सीट का जिक्र किया। उन्होंने दावा किया कि इस सीट पर 2023 के विधानसभा चुनाव में 6,018 मतदाताओं के नाम हटा दिए गए, और ये सभी मतदाता कांग्रेस समर्थक थे।
चौंकाने वाला पहलू
हालांकि, इस मामले का एक दिलचस्प पहलू यह है कि राहुल गांधी ने जिस सीट पर वोट हटाने का आरोप लगाया है, उस सीट से कांग्रेस ने ही चुनाव जीता था।
अलंद विधानसभा से कांग्रेस के बी आर पाटिल ने 2023 के चुनाव में बीजेपी के सुभाष गुट्टेदार को 10,348 वोटों के बड़े अंतर से हराया था। कांग्रेस को 89,508 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी को 79,160 वोट मिले थे।
आरोपों का आधार
राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि वोट हटाने का काम “हाइजैक” करके किया गया, जिसमें न तो वोट हटाने वाले को पता था और न ही जिसका वोट हटा, उसे जानकारी थी। उन्होंने कहा कि यह काम कर्नाटक के बाहर से मोबाइल नंबरों और सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके किया गया।
उन्होंने एक उदाहरण के तौर पर गोदाबाई नामक महिला का जिक्र किया, जिनका कथित तौर पर वोट हटाने की कोशिश की गई थी। इसके अलावा, उन्होंने मंच पर सूर्यकांत को भी बुलाया, जिन्होंने बताया कि उनके नाम से 14 मिनट में 12 नाम हटाए गए, जबकि उन्होंने खुद कभी कोई आवेदन नहीं किया था।
अलंद विधानसभा सीट का इतिहास
अलंद विधानसभा सीट के इतिहास की बात करें तो, कांग्रेस को यहाँ 1957 से 1977 तक लगातार जीत मिली थी। 1978 में यह सीट जनता पार्टी के पास चली गई। वर्तमान विधायक बी आर पाटिल भी पहले जनता पार्टी के टिकट पर चुने गए थे। इस सीट पर बी आर पाटिल और सुभाष गुट्टेदार अलग-अलग पार्टियों से बारी-बारी से जीतते रहे हैं।