बिहार विधानसभा चुनाव से पहले, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के बेरोजगार ग्रेजुएट युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। इस नई योजना के तहत, 20 से 25 वर्ष की आयु के ऐसे युवा, जो स्नातक (ग्रेजुएट) हैं और जिनके पास न तो नौकरी है और न ही स्वरोजगार, उन्हें सरकार की तरफ से हर महीने 1,000 रुपये का भत्ता दिया जाएगा। यह आर्थिक सहायता अधिकतम दो साल की अवधि के लिए उपलब्ध होगी।
योजना का उद्देश्य
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी और अपनी पढ़ाई जारी रखने के दौरान आर्थिक रूप से सहायता देना है। उन्होंने कहा कि जब तक युवाओं को आर्थिक सहारा नहीं मिलेगा, तब तक वे अपनी तैयारी पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित नहीं कर पाएंगे। यह योजना पहले से चल रही “मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना” का ही एक विस्तार है।
सीएम नीतीश का सोशल मीडिया पोस्ट
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि नवंबर 2005 में नई सरकार के गठन के बाद से ही अधिक से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार देना उनकी प्राथमिकता रही है। उन्होंने यह भी बताया कि अगले पांच वर्षों में एक करोड़ युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
उन्होंने आगे कहा कि आने वाले समय में सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में बड़ी संख्या में नौकरी और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, ताकि वे आसानी से नौकरी या रोजगार प्राप्त कर सकें। यह भत्ता योजना उसी दिशा में एक और कदम है, जो युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी। यह घोषणा बिहार के युवाओं के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन हो सकती है, जो अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद भी नौकरी की तलाश में हैं।