प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन 17 सितंबर 1950 को हुआ था। वे गुजरात के वडनगर में जन्मे थे। उनके पिता का नाम दामोदरदास मूलचंद मोदी और माता का नाम हीराबेन मोदी है। नरेंद्र मोदी ने अपनी पढ़ाई गुजरात में की। उन्हें बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ा हुआ था। आरएसएस से जुड़कर उन्होंने प्रचारक के रूप में काम किया।
1987 में उन्होंने भाजपा में शामिल होने का फैसला किया। उन्होंने गुजरात में भाजपा को मजबूत करने के लिए बहुत मेहनत की। 2001 में वे गुजरात के मुख्यमंत्री बने और 2014 में देश के प्रधानमंत्री बने। मोदी के शासनकाल में देश में कई बड़े बदलाव हुए। उन्होंने कई सरकारी योजनाओं को शुरू किया जैसे कि ‘स्वच्छ भारत अभियान’, ‘जन धन योजना’ और ‘मेक इन इंडिया’। 2019 में वे दूसरी बार प्रधानमंत्री बने। उन्होंने तीसरी बार भी प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला।
नरेंद्र मोदी की सफलता की कहानी प्रेरणादायक है। वे एक साधारण परिवार से आते हैं और अपनी मेहनत और लगन से देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचे।
RSS के प्रचारक से प्रधानमंत्री तक का सफर
- बचपन और आरएसएस के साथ जुड़ाव: नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के वडनगर में हुआ। बचपन से ही उनमें देश सेवा और राष्ट्रवाद की भावना थी। वे कम उम्र में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ गए और एक समर्पित स्वयंसेवक बन गए। उन्होंने वडनगर और उसके आसपास के क्षेत्रों में आरएसएस के लिए काम करना शुरू किया, जहां उन्होंने संगठन के सिद्धांतों और विचारधारा को गहराई से समझा।
- प्रचारक का जीवन: 1971 में, उन्होंने आरएसएस के एक पूर्णकालिक प्रचारक के रूप में काम करना शुरू किया। इस दौरान उन्होंने अपना जीवन पूरी तरह से संगठन को समर्पित कर दिया। उन्हें कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी गईं, जिनमें से एक थी 1975 के आपातकाल के दौरान भूमिगत रहकर काम करना। उन्होंने सफलतापूर्वक गुप्त सूचनाओं को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया, जिससे आरएसएस के काम को जारी रखने में मदद मिली। प्रचारक के रूप में उनका जीवन बहुत ही साधारण था, जिसमें उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों की यात्रा की और लोगों के बीच रहकर उनके मुद्दों को समझा।
- भाजपा में प्रवेश और राजनीतिक करियर की शुरुआत: 1987 में, मोदी को आरएसएस से भाजपा में भेजा गया। इस कदम का उद्देश्य पार्टी को मजबूत करना था, खासकर गुजरात में। उन्होंने अपनी संगठनात्मक क्षमताओं का उपयोग करके भाजपा को गुजरात में एक मजबूत ताकत बनाया। 1988 में, उन्हें गुजरात भाजपा का महासचिव बनाया गया, और उन्होंने पार्टी के विस्तार और जनाधार को बढ़ाने के लिए अथक प्रयास किए।
- गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में: 2001 में, गुजरात में भूकंप के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री के इस्तीफे के बाद, नरेंद्र मोदी को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया। उनका मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल 2001 से 2014 तक रहा। इस दौरान उन्होंने गुजरात को विकास के एक मॉडल के रूप में स्थापित किया। उन्होंने कृषि, उद्योग, और बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित किया। उनके नेतृत्व में गुजरात ने तेजी से प्रगति की और ‘वाइब्रेंट गुजरात’ जैसे वैश्विक निवेशक सम्मेलनों के माध्यम से देश और विदेश से निवेश आकर्षित किया।
- प्रधानमंत्री के रूप में: एक नया युग: 2014 के लोकसभा चुनाव में, भाजपा ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक ऐतिहासिक जीत हासिल की। उन्होंने ‘सबका साथ, सबका विकास’ के नारे के साथ देश का नेतृत्व संभाला। उनके पहले कार्यकाल में ‘जन धन योजना’, ‘स्वच्छ भारत अभियान’, और ‘मेक इन इंडिया’ जैसे कई बड़े कार्यक्रम शुरू किए गए। 2019 में, भाजपा ने उनके नेतृत्व में एक और बड़ी जीत हासिल की, और उन्होंने अपना दूसरा कार्यकाल शुरू किया। इस कार्यकाल में ‘धारा 370’ को हटाना, ‘तीन तलाक’ को अपराध घोषित करना, और ‘नागरिकता संशोधन कानून’ जैसे महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। 2024 में, उन्होंने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनकर एक नया रिकॉर्ड बनाया।
नरेंद्र मोदी का जीवन आरएसएस के एक सामान्य प्रचारक से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री तक का एक अद्वितीय सफर है। उनकी सफलता की कहानी उनकी कड़ी मेहनत, समर्पण, और देश के प्रति उनके गहरे प्रेम का प्रतीक है।