राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने इंदौर में एक कार्यक्रम के दौरान एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल ने एक बार भविष्यवाणी की थी कि भारत स्वतंत्र होने के बाद टिक नहीं पाएगा और टुकड़ों में बंट जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
चर्चिल की भविष्यवाणी और भारत की एकता
मोहन भागवत ने इस बात पर जोर दिया कि चर्चिल की भविष्यवाणी के विपरीत, भारत ने अपनी स्वतंत्रता के बाद भी अपनी एकता और अखंडता को बनाए रखा है। उन्होंने कहा कि भारत न केवल एकजुट रहा, बल्कि लगातार विकास की राह पर आगे बढ़ा है। वहीं दूसरी ओर, उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से ब्रिटेन का जिक्र करते हुए कहा कि आज वे खुद बंटने की स्थिति में आ रहे हैं, जबकि भारत लगातार प्रगति कर रहा है और आगे बढ़ेगा।
देश की प्रगति पर जोर
भागवत का यह बयान भारत की आंतरिक ताकत और लचीलेपन को दर्शाता है। यह दिखाता है कि देश ने उन सभी चुनौतियों का सामना किया है, जो आजादी के समय उसके सामने थीं। उन्होंने कहा कि हम नहीं बंटेंगे, बल्कि आगे बढ़ेंगे। यह बयान देश की सामूहिक चेतना और राष्ट्र निर्माण के प्रति आरएसएस के दृष्टिकोण को भी दर्शाता है। यह हमें याद दिलाता है कि भारत की पहचान सिर्फ उसकी भौगोलिक सीमाओं से नहीं, बल्कि उसकी सांस्कृतिक और सामाजिक एकता से भी है।