अहमदाबाद में हुए एअर इंडिया विमान हादसे को लेकर एक नया दावा सामने आया है। यह दावा अमेरिकी वकील माइक एंड्रयूज ने किया है, जो इस दुर्घटना में मारे गए अमेरिकी नागरिकों के परिवारों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
माइक एंड्रयूज ने दावा किया है कि विमान की पेयजल प्रणाली (portable water system) से पानी का रिसाव हुआ होगा, जिससे शॉर्ट सर्किट हो गया और विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। उन्होंने इस दावे के समर्थन में अमेरिकी संघीय विमानन प्रशासन (FAA) द्वारा जारी किए गए एक एयरवर्दीनेस डायरेक्टिव (Airworthiness Directive) का हवाला दिया। यह डायरेक्टिव दुर्घटना से कुछ हफ्ते पहले 14 मई को जारी किया गया था। इसमें कुछ बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमानों में पानी के रिसाव की चेतावनी दी गई थी। चेतावनी में कहा गया था कि अगर पानी इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण बे (equipment bay) में पहुंचता है, तो इससे शॉर्ट सर्किट हो सकता है, जिससे विमान के महत्वपूर्ण उड़ान नियंत्रण प्रणाली और एवियोनिक्स प्रभावित हो सकते हैं।
पायलट की गलती की थ्योरी को नकारा
एंड्रयूज ने उन सभी दावों को खारिज कर दिया जिनमें दुर्घटना के लिए पायलटों की गलती को जिम्मेदार ठहराया गया था। उन्होंने कहा कि यह दावा कि पायलटों ने जानबूझकर या गलती से ईंधन नियंत्रण को बंद कर दिया था, सबूतों से समर्थित नहीं है।
भारत की दुर्घटना जांच एजेंसी एएआईबी ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में बताया था कि विमान के दोनों इंजन टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद बंद हो गए थे क्योंकि ईंधन की आपूर्ति रुक गई थी। रिपोर्ट में पायलटों के बीच हुई बातचीत का भी खुलासा किया गया था, जिसमें एक पायलट दूसरे से पूछता है कि उसने ईंधन स्विच क्यों बंद किया, और दूसरा पायलट इससे इनकार करता है।
एंड्रयूज ने इस रिपोर्ट पर भी सवाल उठाया और कहा कि जब तक पूरा डेटा सामने नहीं आ जाता, तब तक किसी भी नतीजे पर पहुंचना गलत होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस दुर्घटना के लिए न तो पायलटों को और न ही बोइंग कंपनी को सबूतों के बिना जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। यह नया दावा जांच की दिशा में एक नया मोड़ ला सकता है और बोइंग की जवाबदेही पर भी सवाल उठा सकता है।