पाकिस्तान को हराने के बाद, भारतीय क्रिकेटर सूर्यकुमार यादव ने एक भावुक बयान दिया, जिसमें उन्होंने अपनी जीत पहलगाम के पीड़ितों को समर्पित की और कहा, “हम पहलगाम के पीड़ितों के साथ हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि यह जीत भारतीय सेना के सम्मान में है। मुख्य कोच गौतम गंभीर ने पाकिस्तान पर जीत के बाद कहा कि यह टूर्नामेंट अभी खत्म नहीं हुआ है, लेकिन यह मैच इसलिए महत्वपूर्ण था क्योंकि टीम पहलगाम हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देना चाहती थी। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के लिए भारतीय सशस्त्र बलों को भी धन्यवाद दिया और देश को गौरवान्वित करने का वादा किया। गंभीर के बयान से साफ था कि टीम इंडिया में देशभक्ति की भावना प्रबल थी। खिलाड़ी पूरे पाकिस्तान को यह संदेश देना चाहते थे कि उनके लिए खेल भावना से ऊपर देशभक्ति है। इस जीत के साथ, भारत ने सुपर 4 में अपनी जगह लगभग पक्की कर ली है।
यह जीत एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गए मैच में मिली, जहाँ भारत ने पाकिस्तान को 7 विकेट से हराया। दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में हुआ यह मैच काफी तनावपूर्ण था। मैच के बाद, भारतीय खिलाड़ियों ने पहलगाम में हुए हमले के पीड़ितों के सम्मान में पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाया, जिससे उनकी संवेदनशीलता और एकजुटता का पता चला।
टॉस के समय भी, सूर्यकुमार यादव और पाकिस्तानी खिलाड़ी सलमान अली आगा ने हाथ नहीं मिलाया था, जो इस दुखद घटना के प्रति उनके सम्मान को दर्शाता है। भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने भी इस जीत को सशस्त्र बलों (Armed Forces) के नाम समर्पित किया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह जीत केवल खेल नहीं, बल्कि देश के सम्मान और सैनिकों के प्रति कृतज्ञता की अभिव्यक्ति थी।
यह घटना दर्शाती है कि भारतीय खिलाड़ी खेल के मैदान से परे भी अपने देश के मूल्यों और भावनाओं को महत्व देते हैं। यह जीत सिर्फ क्रिकेट की जीत नहीं थी, बल्कि यह भारत की एकता, साहस और पीड़ितों के प्रति संवेदना की जीत थी।