भारतीय वायुसेना ने हाल ही में फ्रांस से 114 राफेल फाइटर जेट खरीदने का प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय को भेजा है। इसके साथ ही, भारत अब रूस के पाँचवीं पीढ़ी के स्टील्थ लड़ाकू विमान Su-57E को भी अपने बेड़े में शामिल करने पर विचार कर रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, रूस की एक टीम जल्द ही हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के नासिक प्लांट का दौरा कर सकती है ताकि यह देखा जा सके कि क्या इस प्लांट में Su-57 का उत्पादन शुरू किया जा सकता है।
रूस ने दिया पूरा टेक्नोलॉजी ट्रांसफर का ऑफर
रूस ने भारत को Su-57E की 100% टेक्नोलॉजी और सोर्स कोड ट्रांसफर करने की पेशकश की है। रूसी प्रस्ताव में कहा गया है कि जिस नासिक प्लांट में वर्तमान में Su-30MKI का उत्पादन होता है, उसी में Su-57 का भी उत्पादन शुरू किया जा सकता है। खबरों के मुताबिक, भारत सरकार वायुसेना की तत्काल जरूरतों को देखते हुए रूस से 40 से 60 Su-57E खरीदने का सौदा कर सकती है, जिसका निर्माण भारत में ही किया जाएगा।
रक्षा सचिव आरके सिंह ने भी हाल ही में कहा था कि ‘किसी मित्र देश से पाँचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान सौदे पर विचार किया जा रहा है।’
नासिक प्लांट की क्षमता
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, रूस नासिक प्लांट में Su-57 के उत्पादन के लिए आवश्यक निवेश की संभावनाओं का अध्ययन कर रहा है। नासिक स्थित यह संयंत्र भारत की एयरोस्पेस इंडस्ट्री के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस प्लांट में 2004 से अब तक 220 से अधिक Su-30MKI मल्टीरोल फाइटर जेट का उत्पादन हो चुका है।
रूसी सूत्रों का दावा है कि Su-30MKI उत्पादन के लिए मौजूद अधिकांश इंफ्रास्ट्रक्चर, मशीनरी और असेंबली लाइन को मामूली बदलावों के साथ Su-57E के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे लागत और समय दोनों की बचत होगी। इसके अलावा, HAL की कोरापुट इकाई में पहले ही 920 AL-31FP इंजन बनाए जा चुके हैं, जो रूसी प्लेटफॉर्म के साथ तालमेल रखते हैं।
भारतीय वायुसेना की तत्काल जरूरत
भारतीय वायुसेना इस समय लड़ाकू विमानों की कमी का सामना कर रही है। मौजूदा समय में उसके पास सिर्फ 31 स्क्वाड्रन हैं, जबकि दो-तरफा युद्ध से निपटने के लिए 42 स्क्वाड्रन की जरूरत है। मिग-21 विमानों की सेवानिवृत्ति और स्वदेशी एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) परियोजना में हो रही देरी ने इस स्थिति को और गंभीर बना दिया है। AMCA की पहली उड़ान 2028 तक और सेवा में शामिल होना 2034-35 से पहले संभव नहीं लगता।
इस बीच, चीन ने 200 से अधिक J-20 स्टील्थ फाइटर जेट तैनात कर दिए हैं, और पाकिस्तान 2026 तक 40 चीनी J-35 हासिल करने की तैयारी कर रहा है। यह स्थिति भारत के लिए रणनीतिक असंतुलन पैदा कर रही है, जिसके चलते सरकार अब तत्काल समाधान तलाश रही है, और Su-57E एक संभावित विकल्प हो सकता है।