नेपाल में जारी राजनीतिक संकट के बीच, शुक्रवार को पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया गया। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने शीतल निवास में उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई, जिससे वह नेपाल की पहली महिला अंतरिम प्रधानमंत्री बन गई हैं। यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब युवा पीढ़ी के हिंसक प्रदर्शनों के बाद संसद को भंग कर दिया गया था।
शपथ ग्रहण समारोह में उपराष्ट्रपति रामसहाय यादव, काठमांडू के मेयर बालेन शाह और मुख्य न्यायाधीश प्रकाश सिंह रावत जैसे गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। राष्ट्रपति ने संविधान की धारा 61(4) का हवाला देते हुए यह कदम उठाया, जिसके तहत राष्ट्रपति का कर्तव्य संविधान का पालन, संरक्षण और राष्ट्रीय एकता को सुदृढ़ करना है। माना जा रहा है कि कार्की के शपथ ग्रहण के बाद अंतरिम कैबिनेट की पहली बैठक आज रात ही हो सकती है।
संसद भंग करने और कार्की को शपथ दिलाने पर सहमति
शुक्रवार को राष्ट्रपति कार्यालय शीतल निवास में दोपहर 2 बजे से शाम 7:30 बजे तक चली एक उच्च-स्तरीय बैठक में संसद को भंग करने और सुशीला कार्की को शपथ दिलाने पर सहमति बनी। जेन-ज़ी (Gen-Z) समूह के प्रतिनिधियों ने वार्ता के दौरान यह स्पष्ट कर दिया था कि वे संसद भंग किए बिना किसी भी नई सरकार के गठन को स्वीकार नहीं करेंगे। इस बैठक में अधिवक्ता ओमप्रकाश अर्याल, रमण कर्ण और जेन-ज़ी समूह की ओर से सुदन गुरुंग उपस्थित थे।
नई प्रधानमंत्री के लिए कार्यालय
अंतरिम प्रधानमंत्री के लिए कार्यालय सिंह दरबार में निर्माणाधीन गृह मंत्रालय के भवन में बनाया जाएगा। नेपाल के मुख्य सचिव एकनारायण अर्याल के नेतृत्व में सचिवों की एक टीम ने विभिन्न भवनों का दौरा करने के बाद इस स्थान का चयन किया। एक सचिव ने बताया कि हिंसक प्रदर्शनों के दौरान कई अन्य भवन क्षतिग्रस्त हो गए थे, जिसके कारण यह स्थान सबसे उपयुक्त पाया गया।
कौन हैं सुशीला कार्की?
सुशीला कार्की का जन्म 7 जून 1952 को विराटनगर में हुआ था। उनका भारत से विशेष नाता है। उन्होंने उप्र के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में पोस्ट-ग्रेजुएशन किया और नेपाल की त्रिभुवन यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत वकालत और कानूनी सुधारों से की। वह नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश भी रह चुकी हैं। सुप्रीम कोर्ट में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई की, जिनमें चुनावी विवाद भी शामिल थे। वे पीएम मोदी की तारीफ भी कर चुकी हैं।
हिंसक प्रदर्शनों में 51 की मौत
नेपाल में हाल ही में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंधों के खिलाफ हुए जेन-ज़ी (Gen-Z) प्रदर्शनों में एक भारतीय नागरिक सहित कम से कम 51 लोगों की मौत हुई है। काठमांडू पोस्ट के अनुसार, नेपाल पुलिस के सह-प्रवक्ता रमेश थापा ने बताया कि मृतकों में एक भारतीय नागरिक, तीन पुलिसकर्मी और अन्य नेपाली नागरिक शामिल हैं।
पुलिस ने बताया कि 36 शव महाराजगंज स्थित त्रिभुवन विश्वविद्यालय शिक्षण अस्पताल में हैं, जहां शुक्रवार को पोस्टमॉर्टम शुरू हुआ। गुरुवार और शुक्रवार को देश के अलग-अलग हिस्सों से 17 अन्य शव बरामद किए गए।