भारत अपने वायु रक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए एक बहुस्तरीय रक्षा प्रणाली (multi-layered defence system) विकसित कर रहा है। इस रणनीति के तहत, भारत ने इजरायल के साथ मिलकर विकसित किए गए बराक-8 एयर डिफेंस सिस्टम को अपने शस्त्रागार में शामिल किया है। यह सिस्टम, जिसे एलआर-सैम (LR-SAM) और एमआर-सैम (MR-SAM) के नाम से भी जाना जाता है, भारत की रक्षा क्षमताओं का एक नया स्तंभ बन रहा है।
बराक-8: एक शक्तिशाली रक्षा कवच
बराक-8 को किसी भी प्रकार के हवाई खतरे, जैसे विमान, हेलीकॉप्टर, एंटी-शिप मिसाइल और यूएवी, साथ ही बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों से बचाव के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है, जिसे इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) ने भारत के साथ मिलकर विकसित किया है।
भारत ने 2017 में इस सिस्टम को 1.6 अरब डॉलर में खरीदा था, और इसके नौसैनिक संस्करण को भी खरीदा गया, जिसे भारतीय युद्धपोतों और एयरक्राफ्ट कैरियर पर तैनात किया गया है।
भारत की एयर डिफेंस रणनीति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के प्रमुख शहरों और महत्वपूर्ण औद्योगिक ठिकानों में एयर डिफेंस सिस्टम तैनात करने की घोषणा की है। इस योजना के तहत, बराक-8 को भारत की रक्षा परियोजनाओं में स्थानीय उत्पादन और तकनीकी हस्तांतरण के साथ शामिल किया जा रहा है। मोदी का लक्ष्य है कि 2035 तक देश की सभी सामरिक और संवेदनशील सुविधाओं, जैसे परमाणु प्रतिष्ठान, बड़े एयरबेस और सैन्य ठिकानों को “पूर्ण सुरक्षा कवरेज” प्रदान किया जाए।
मई में, जब पाकिस्तान ने भारत पर ‘फतह’ मिसाइल दागी थी, तो उसे हरियाणा के सिरसा के ऊपर बराक-8 डिफेंस सिस्टम ने ही नष्ट किया था। यह घटना बराक-8 की प्रभावशीलता का एक प्रमाण है।