अक्षय कुमार, जिन्हें बॉलीवुड का ‘खिलाड़ी’ कहा जाता है, ने अपने 58वें जन्मदिन पर अपनी खास पोस्ट के जरिए सभी को धन्यवाद दिया। उन्होंने लिखा, “58 साल की मेहनत, 34 साल इस इंडस्ट्री में, 150 से ज्यादा फिल्में और गिनती जारी है।” उनका यह सफर उतार-चढ़ाव से भरा रहा है, लेकिन अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने हर चुनौती का सामना किया।
अक्षय का असली नाम राजीव हरि ओम भाटिया है। उनका जन्म अमृतसर में हुआ था और उनका बचपन दिल्ली के चांदनी चौक में बीता। कम उम्र में ही उन्हें कराटे और मार्शल आर्ट्स का शौक था, जिसकी ट्रेनिंग उन्होंने बैंकॉक से ली। जब वे भारत लौटे, तो उन्होंने मार्शल आर्ट्स के टीचर के रूप में काम किया। उसी दौरान उन्होंने मॉडलिंग में भी हाथ आजमाया, लेकिन सफलता नहीं मिली।
बॉलीवुड में उनकी एंट्री एक अप्रत्याशित मोड़ के साथ हुई। एक फिल्म स्टूडियो में काम के लिए जाते समय, वह एक फोटोग्राफर से मिले, जिसने उन्हें मॉडलिंग के लिए प्रोत्साहित किया। इसके बाद उन्होंने फिल्म ‘सौगंध’ (1991) से अपने अभिनय की शुरुआत की, लेकिन यह फिल्म सफल नहीं रही। शुरुआती दिनों में उन्हें लगातार असफलता का सामना करना पड़ा और कई फिल्में फ्लॉप रहीं। लेकिन 1992 में आई फिल्म ‘खिलाड़ी’ ने उन्हें रातोंरात स्टार बना दिया और उन्हें ‘खिलाड़ी’ कुमार के नाम से पहचान मिली।
इसके बाद उन्होंने कई एक्शन फिल्में कीं और दर्शकों के बीच अपनी एक अलग जगह बनाई। ‘मोहरा’, ‘सबसे बड़ा खिलाड़ी’, ‘मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी’ जैसी फिल्मों से वे एक्शन हीरो के रूप में स्थापित हो गए। हालांकि, उन्होंने सिर्फ एक्शन तक ही खुद को सीमित नहीं रखा। ‘हेरा फेरी’, ‘फिर हेरा फेरी’ जैसी कॉमेडी फिल्मों ने दिखाया कि वे सिर्फ एक्शन ही नहीं, बल्कि कॉमेडी भी शानदार करते हैं।
पिछले कुछ सालों से अक्षय कुमार ने सामाजिक मुद्दों पर आधारित फिल्में भी बनाई हैं, जैसे ‘टॉयलेट: एक प्रेम कथा’ और ‘पैडमैन’। इन फिल्मों ने न केवल बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया, बल्कि समाज में जागरूकता फैलाने में भी मदद की। उनके इस कदम ने उन्हें एक सफल अभिनेता के साथ-साथ एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में भी स्थापित किया।
अपनी आगामी फिल्म की बात करें तो, अक्षय कुमार जल्द ही ‘जॉली एलएलबी 3’ में नजर आएंगे। सुभाष कपूर द्वारा निर्देशित इस फिल्म में उनके साथ अरशद वारसी, हुमा कुरैशी और सौरभ शुक्ला भी प्रमुख भूमिका में होंगे। यह फिल्म 19 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।
एक समय ऐसा भी आया जब वे भारत छोड़कर कनाडा जाने का मन बना चुके थे, लेकिन किस्मत ने पलटी मारी। अक्षय कुमार की कहानी यह सिखाती है कि सफलता एक दिन में नहीं मिलती, बल्कि इसके लिए लगातार मेहनत और धैर्य की जरूरत होती है। उनका सफर उन सभी के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।