मुंबई के सबसे प्रतिष्ठित गणपति, लालबाग के राजा, का विसर्जन रविवार को देर से हुआ। इसका कारण समुद्र में अचानक उठी तेज और ऊंची लहरें थीं। यह पहली बार है जब मौसम की स्थिति के कारण विसर्जन में इस तरह की देरी हुई है।
विसर्जन में देरी का कारण
हर साल की तरह, लालबाग के राजा की मूर्ति को सुबह 9 बजे से पहले दक्षिण मुंबई के गिरगांव चौपाटी पर गहरे समुद्र में विसर्जित करने की योजना थी। हालांकि, रविवार तड़के जब मूर्ति चौपाटी पहुंची, उसी समय समुद्र में पानी का तेज बहाव और ऊंची लहरें शुरू हो गईं। इन लहरों की वजह से मूर्ति को समुद्र के अंदर ले जाने में कठिनाई हुई और विसर्जन प्रक्रिया में देरी हुई।
अन्य जगहों पर भी मुश्किलें
इस दौरान, महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में भी गणेश विसर्जन के दौरान मुश्किलें आईं। कई जगहों पर हुई घटनाओं में चार लोग डूब गए, जबकि 13 लोग अभी भी लापता हैं। विसर्जन के दौरान हुई इन दुर्घटनाओं ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
प्रशासन ने गणेश विसर्जन के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। पुलिस, नागरिक सुरक्षा बल, और गोताखोरों की टीमें अलग-अलग विसर्जन स्थलों पर तैनात थीं। बावजूद इसके, प्राकृतिक आपदा और तेज लहरों के कारण कुछ जगहों पर दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हो गईं। अब लापता लोगों को ढूंढने के लिए बचाव कार्य जारी हैं।