मार्क जुकरबर्ग की कंपनी, मेटा, एक नया AI चैटबॉट प्रोजेक्ट विकसित कर रही है। इस प्रोजेक्ट के तहत, हिंदी सहित कई भाषाओं के लिए AI चैटबॉट्स बनाए जा रहे हैं। इन भाषाओं में हिंदी के अलावा पुर्तगाली, स्पेनिश और इंडोनेशियाई भी शामिल हैं।
चैटबॉट कैसे काम करते हैं?
यह AI चैटबॉट प्रोजेक्ट खास इसलिए है क्योंकि यह इन भाषाओं के डेटा को इकट्ठा करने और उन्हें समझने पर केंद्रित है। इसके लिए, मेटा कॉन्ट्रैक्टर्स को हर घंटे $55 (लगभग ₹5,000) का भुगतान कर रही है। ये कॉन्ट्रैक्टर्स, जिन्हें ‘AI Trainers’ कहा जाता है, मुख्य रूप से इन AI मॉडल्स को प्रशिक्षित करने का काम करते हैं।
AI Trainers का काम
AI Trainers का काम AI मॉडल्स को अलग-अलग प्रकार के निर्देश और डेटा देना होता है। वे सुनिश्चित करते हैं कि मॉडल सही और स्वाभाविक तरीके से प्रतिक्रिया दें। उदाहरण के लिए, वे AI से पूछते हैं कि “घर में पालतू जानवर रखना क्यों अच्छा है?” या “भारत की राजधानी क्या है?” और फिर AI के जवाबों की जाँच करते हैं। वे मॉडल को बताते हैं कि कौन सा जवाब सही है और कौन सा गलत। यह प्रक्रिया AI को और अधिक सटीक और मानव जैसी बातचीत करने में मदद करती है।
इस प्रोजेक्ट का महत्व
मेटा का यह प्रोजेक्ट दर्शाता है कि कंपनी भारतीय बाजार और अन्य गैर-अंग्रेजी भाषी बाजारों में अपनी पहुंच बढ़ाना चाहती है। हिंदी में AI चैटबॉट विकसित करके, मेटा भारत के करोड़ों लोगों तक पहुंच पाएगी, जिससे उनके उत्पादों और सेवाओं का उपयोग करना और भी आसान हो जाएगा।