पंजाब में लगातार हो रही भारी बारिश और पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में हुई वर्षा के कारण बाढ़ की स्थिति बेहद गंभीर हो गई है। राज्य के सभी 23 जिलों के 1400 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में हैं, जिससे करीब 4.5 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 37 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें से तीन की मौत बुधवार को हुई। इसके अलावा, राज्य में 3.5 लाख एकड़ से अधिक कृषि भूमि पर खड़ी फसलें पानी में डूब गई हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है।
हालात की गंभीरता को देखते हुए, पंजाब सरकार ने पूरे राज्य को आपदाग्रस्त क्षेत्र घोषित कर दिया है। राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए सभी सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं, और सभी विभागों को युद्ध स्तर पर काम करने का आदेश दिया गया है। राज्य सरकार ने राहत और बचाव कार्यों के लिए 71 करोड़ रुपये का फंड भी जारी किया है।
क्यों बिगड़े हालात?
पंजाब में बाढ़ के हालात बिगड़ने का एक मुख्य कारण हिमाचल प्रदेश में हो रही भारी बारिश के बाद तीन प्रमुख बांधों पर बढ़ा हुआ दबाव है। भाखड़ा बांध के पीछे बनी विशाल गोबिंद सागर झील का जलस्तर खतरे के निशान (1680 फीट) के बेहद करीब 1678.10 फीट तक पहुंच गया है।
जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए भाखड़ा बांध से प्रतिदिन 75 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। यह पानी सतलुज नदी में छोड़ा जा रहा है, जिससे नदियाँ उफान पर हैं और निचले इलाकों में बाढ़ आ गई है। फिलहाल लगभग 20 जगहों पर नहर की मरम्मत का काम भी चल रहा है। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों तक राज्य में और भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, जिससे स्थिति के और खराब होने की आशंका है।