अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जॉन बोल्टन ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापारिक और टैरिफ नीतियों की कड़ी आलोचना की है। अपने एक बड़े बयान में, बोल्टन ने आरोप लगाया है कि ट्रंप प्रशासन की टैरिफ नीति ने पश्चिमी देशों द्वारा भारत को रूस से दूर करने के प्रयासों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि इन नीतियों ने चीन से बढ़ते भू-राजनीतिक खतरों से निपटने के सामूहिक प्रयासों को भी कमजोर किया है, जिससे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को वैश्विक परिदृश्य को अपनी शर्तों पर नया रूप देने का अवसर मिला है।
बोल्टन ने इस बात पर जोर दिया कि ट्रंप की “अमेरिका फर्स्ट” नीति ने व्यापारिक संबंधों पर इतना ध्यान केंद्रित किया कि इसने रणनीतिक साझेदारी को नुकसान पहुंचाया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ट्रंप ने अपने पारिवारिक व्यवसाय के हितों को साधने के लिए पाकिस्तान को प्राथमिकता दी और भारत जैसे महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार को दरकिनार कर दिया।
बोल्टन के अनुसार, ट्रंप की टैरिफ और व्यापार युद्ध की आक्रामक रणनीति ने पश्चिमी देशों के रणनीतिक उद्देश्यों को बाधित किया। इस नीति के कारण अमेरिका और भारत के संबंधों में अनावश्यक तनाव पैदा हुआ, जिससे रूस और चीन जैसे प्रतिद्वंद्वी देशों को लाभ हुआ। बोल्टन का यह बयान ऐसे समय में सामने आया है जब अमेरिका और भारत के बीच रणनीतिक साझेदारी लगातार मजबूत हो रही है, जिससे उनके दावों पर ध्यान आकर्षित हुआ है। बोल्टन की यह टिप्पणी अमेरिकी विदेश नीति के उस दृष्टिकोण पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है, जिसके तहत आर्थिक नीतियों को भू-राजनीतिक लक्ष्यों से ऊपर रखा गया।