भारतीय वायुसेना के उप प्रमुख एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी ने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि इस सैन्य कार्रवाई में 50 से भी कम हथियारों का इस्तेमाल किया गया था, जिसके बाद पाकिस्तान युद्धविराम के लिए मजबूर हो गया। यह जवाबी कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू की गई थी।
एयर मार्शल तिवारी ने जोर देकर कहा कि युद्ध शुरू करना आसान है, लेकिन इसे खत्म करना उतना ही मुश्किल। उन्होंने कहा कि इसी बात को ध्यान में रखते हुए ऑपरेशन सिंदूर की योजना बनाई गई थी। इसका उद्देश्य पाकिस्तान को एक मजबूत संदेश देना था, लेकिन साथ ही स्थिति को नियंत्रण में रखना भी जरूरी था ताकि यह एक बड़े युद्ध में न बदल जाए।
उन्होंने कहा, “यह ध्यान में रखने के लिए एक महत्वपूर्ण विचार था ताकि हमारी सेना सक्रिय रहे, उन्हें तैनात किया जाए, और वे किसी भी संभावित स्थिति के लिए तैयार रहें।” तिवारी ने आगे बताया कि यह ऑपरेशन दर्शाता है कि भारतीय वायुसेना सटीक और प्रभावी कार्रवाई करने में सक्षम है, जिससे दुश्मन को कम से कम संसाधनों में भी घुटने टेकने पर मजबूर किया जा सकता है।
ऑपरेशन सिंदूर भारतीय वायुसेना की रणनीति और क्षमता का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इसने न केवल आतंकवादियों को सबक सिखाया, बल्कि पाकिस्तान को भी यह स्पष्ट संदेश दिया कि भारत अपनी सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगा। यह ऑपरेशन भारतीय सेना की पेशेवर दक्षता और रणनीतिक सोच को दर्शाता है।