प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार देर शाम दो दिनों की यात्रा पर जापान के लिए रवाना हो गए। यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब अमेरिका के कड़े टैरिफ नियमों के चलते वैश्विक व्यापार में तनाव बढ़ा हुआ है। पीएम मोदी चीन भी जाएंगे और वहां रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलेंगे जिससे अमेरिका की चिंता बढ़ गई है। जापान यात्रा के दौरान पीएम मोदी अपने जापानी समकक्ष शिगेरू इशिबा के साथ 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
इस शिखर सम्मेलन में दोनों देशों के बीच व्यापार, रक्षा, और प्रौद्योगिकी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा होगी। विशेष रूप से, सेमीकंडक्टर और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) जैसे भविष्य के तकनीकी क्षेत्रों में साझेदारी को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
जापान यात्रा के बाद, पीएम मोदी चीन की यात्रा पर भी जाएंगे, जहां वे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। चीन में पीएम मोदी की मुलाकात चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी सहित कई राष्ट्र प्रमुखों से होने की संभावना है। यह मुलाकातें भारत की “बहु-आयामी कूटनीति” को दर्शाती हैं, जहां भारत विभिन्न देशों के साथ अपने संबंधों को संतुलित और मजबूत बनाए रखना चाहता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इन यात्राओं का उद्देश्य केवल द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करना ही नहीं, बल्कि वैश्विक व्यापार और सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों का समाधान निकालने के लिए एक साझा दृष्टिकोण विकसित करना भी है।