संसद का मॉनसून सत्र लगातार हंगामे की भेंट चढ़ रहा है। गुरुवार को राज्यसभा में उस वक्त माहौल गरमा गया जब विपक्षी सांसदों ने एक केंद्रीय मंत्री के सदन में प्रवेश करते ही जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। सांसदों ने “Go Back, Go Back” और “Tadipaar Go Back” जैसे नारे लगाए, जिससे सदन की कार्यवाही बाधित हुई।
यह हंगामा मुख्य रूप से सरकार की नीतियों और एक विशिष्ट मुद्दे पर विपक्ष की चर्चा की मांग को लेकर था। विपक्ष के सदस्यों ने मांग की कि सरकार को तुरंत इस पर बहस करानी चाहिए, लेकिन जब उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे वेल में आकर नारेबाजी करने लगे। इन नारों के पीछे मुख्य वजह यह थी कि विपक्ष एक खास मंत्री पर गंभीर आरोप लगा रहा था और उन्हें पद पर बने रहने के लिए अयोग्य बता रहा था।
“तड़ीपार गो बैक” का नारा विपक्ष द्वारा एक समय पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के लिए इस्तेमाल किया गया था, जब गुजरात के एक मामले में उन्हें राज्य से बाहर रहने का आदेश दिया गया था। विपक्ष ने इस पुराने मुद्दे को फिर से उठाकर सरकार को घेरने की कोशिश की।
सभापति ने विपक्षी सांसदों से अपनी सीटों पर वापस जाने और सदन की गरिमा बनाए रखने की अपील की, लेकिन नारेबाजी जारी रही। इस हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी। सरकार ने विपक्ष के इस रवैये की निंदा करते हुए इसे सदन का समय बर्बाद करने और महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा से भागने का प्रयास बताया। वहीं, विपक्ष ने कहा कि वे जनता के मुद्दों को उठाते रहेंगे और सरकार को जवाबदेह बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। यह घटनाक्रम संसद में जारी राजनीतिक तनाव को दर्शाता है।