‘द बंगाल फाइल्स’ नामक फिल्म के विवादों में घिरने के बाद अभिनेता और भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। फिल्म में 1946 के नोआखली दंगों के दौरान कथित तौर पर 40,000 हिंदुओं के मारे जाने का दावा किया गया है, जिसके बाद इसे ‘साम्प्रदायिक’ और ‘भड़काऊ’ बताकर विरोध किया जा रहा है। इसी पर मिथुन चक्रवर्ती ने दो टूक जवाब देते हुए कहा कि कोई भी सच का सामना नहीं करना चाहता।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मिथुन ने कहा, “यह सच है कि 40 हजार हिंदू मारे गए थे… यह सच है कि लोग अपनी पहचान और अस्तित्व बचाने के लिए भागने पर मजबूर हुए थे… यह इतिहास है। लेकिन, लोग इस सच से भागना चाहते हैं।” उन्होंने सवाल उठाया कि क्या किसी को ऐतिहासिक घटनाओं के बारे में बात करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि जो लोग फिल्म का विरोध कर रहे हैं, वे इतिहास को दबाना चाहते हैं।
चक्रवर्ती ने कहा कि लोग उस इतिहास को भूलना चाहते हैं जो उन्हें असहज करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग जानबूझकर इतिहास के उस हिस्से को छिपाना चाहते हैं, जो उनके राजनीतिक हितों के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा कि फिल्म में जो कुछ भी दिखाया गया है, वह ऐतिहासिक तथ्यों और दस्तावेजों पर आधारित है।
मिथुन चक्रवर्ती ने कहा, “अगर कोई सच दिखाता है, तो लोग उसे साम्प्रदायिक या पक्षपाती बताकर बदनाम करने लगते हैं। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।” उन्होंने कहा कि कला और सिनेमा का उद्देश्य समाज के सामने सच लाना होता है, भले ही वह कितना भी कड़वा क्यों न हो। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह फिल्म दर्शकों तक पहुंचेगी और लोग इतिहास के इस दर्दनाक अध्याय को समझेंगे।