पीएम, सीएम पर विधेयक: भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने साधा विपक्ष पर निशाना
गंभीर आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को पद से हटाने के लिए लाए जा रहे संभावित विधेयक पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि विपक्ष, विशेष रूप से राहुल गांधी और कांग्रेस, की राजनीति ट्यूशन और ट्वीट पर आधारित है। दुबे ने इस विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि यदि कोई प्रधानमंत्री, सांसद या मंत्री जेल में जाते हैं, तो उन्हें पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
दुबे ने विधेयक के पक्ष में कई उदाहरण पेश किए। उन्होंने कहा कि जब अमित शाह गुजरात के गृह मंत्री थे और उन पर आरोप लगे, तो उन्होंने जेल जाने से पहले ही इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अदालत से बरी होने तक कोई भी संवैधानिक पद स्वीकार नहीं किया। इसी तरह, उन्होंने MP की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का जिक्र किया, जिन्होंने समन मिलने पर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, भले ही उन्हें जेल नहीं जाना पड़ा था।
दुबे ने लालकृष्ण आडवाणी का भी उदाहरण दिया, जिन पर हवाला का मामला दर्ज होने के बाद उन्होंने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया था और बरी होने तक कोई चुनाव नहीं लड़ा। इन उदाहरणों को पेश करते हुए दुबे ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा, जो जेल से ही अपना पद संभाले हुए हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर ऐसे लोगों को पद से हटाने के लिए विधेयक लाया जा रहा है तो इसमें क्या गलत है।
उन्होंने आगे कहा कि इस विधेयक में प्रधानमंत्री भी शामिल होंगे। दुबे ने आपातकाल के दौरान लाए गए एक संशोधन का जिक्र किया, जिसमें प्रधानमंत्री को किसी भी आपराधिक कार्रवाई से छूट दी गई थी। उन्होंने इस तरह के प्रावधान को गलत बताते हुए कहा कि समानता के अधिकार के तहत अगर कोई प्रधानमंत्री अपराध करता है तो उसे भी दंडित किया जाना चाहिए।