दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर बुधवार सुबह उनके आवास पर जनसुनवाई के दौरान एक व्यक्ति ने हमला करने की कोशिश की। इस घटना ने दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
घटना का विवरण
दिल्ली पुलिस के अनुसार, आरोपी ने अपना नाम राजेश खिमजी बताया है और वह राजकोट, गुजरात का रहने वाला है। पुलिस उसके नाम और पते की पुष्टि कर रही है और उसके दस्तावेजों की भी जांच की जा रही है। मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि एक व्यक्ति ने अचानक मुख्यमंत्री को थप्पड़ मार दिया। जनसुनवाई में मौजूद अंजलि नाम की एक महिला ने कहा, “यह बहुत गलत हुआ है। जनसुनवाई पर सबका हक है। अगर कोई बहरूपिया उन्हें थप्पड़ मार सकता है, तो यह बहुत बड़ी बात है।” एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी शैलेंद्र कुमार ने बताया कि जब वे अपनी सीवर की शिकायत लेकर पहुंचे, तो मुख्यमंत्री को थप्पड़ मारे जाने की खबर से अफरा-तफरी मच गई।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ : सभी राजनीतिक दलों ने कड़ी निंदा की है।
- दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा ने इसे “कायराना और शर्मनाक हमला” बताया। उन्होंने कहा कि जो लोग हिंसा से दिल्ली के विकास को रोकना चाहते हैं, उन्हें दिल्ली माफ नहीं करेगी।
- भाजपा नेता शाहनवाज़ हुसैन ने इस घटना को दुखद बताया और कहा कि जिसने भी यह हरकत की है, उसे पकड़ लिया गया है।
- दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और बताया कि वे ठीक हैं। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री का हाथ पकड़कर खींचने की कोशिश की, जिससे धक्का-मुक्की हुई और उन्हें सिर पर हल्की चोट लगी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एक मजबूत महिला हैं और जनसुनवाई जारी रहेगी।
- दिल्ली के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने इसे “विरोधियों की साजिश” बताया और कहा कि इसके पीछे एक राजनीतिक साजिश लगती है।
- दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और AAP नेता आतिशी ने ट्वीट कर कहा कि लोकतंत्र में विरोध की जगह होती है, लेकिन हिंसा के लिए नहीं। उन्होंने दिल्ली पुलिस से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।
- दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने इस घटना को महिला सुरक्षा पर एक बड़ा सवाल बताया। उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री ही सुरक्षित नहीं हैं, तो आम महिलाएं कैसे सुरक्षित रह सकती हैं।
पुलिस की जांच जारी
पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है। हालांकि, अभी तक हमले का मकसद स्पष्ट नहीं हो पाया है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या यह कोई व्यक्तिगत रंजिश थी या इसके पीछे कोई राजनीतिक साजिश है। यह घटना दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था पर एक बड़ा सवालिया निशान लगाती है और भविष्य में जन प्रतिनिधियों की सुरक्षा को और मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर देती है।