कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने घोषणा की है कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश, जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी, उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार होंगे। यह निर्णय विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की बैठक में लिया गया, जिसमें सभी नेताओं ने सर्वसम्मति से उनके नाम पर सहमति जताई। वे 21 अगस्त को अपना नामांकन दाखिल करेंगे।
जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी का जन्म 8 जुलाई 1946 को हुआ था। उन्होंने 1971 में हैदराबाद में आंध्र प्रदेश बार काउंसिल में एक वकील के रूप में अपना पंजीकरण कराया। अपने करियर में, उन्होंने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में रिट और सिविल मामलों में अभ्यास किया। उन्होंने 1988-90 के दौरान हाईकोर्ट में सरकारी वकील के रूप में भी कार्य किया और छह महीने तक केंद्र सरकार के अतिरिक्त स्थायी वकील भी रहे। वे 1993 में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भी चुने गए थे।
2 मई 1993 को वे आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश बने। 5 दिसंबर 2005 को उन्हें गुवाहाटी हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया। 12 जनवरी 2007 को वे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए और 8 जुलाई 2011 को सेवानिवृत्त हुए। सेवानिवृत्ति के बाद, उन्होंने मार्च 2013 में गोवा के पहले लोकायुक्त के रूप में कार्यभार संभाला, हालांकि उन्होंने अक्टूबर 2013 में व्यक्तिगत कारणों से इस पद से इस्तीफा दे दिया।
कानून के क्षेत्र में उनके विशाल अनुभव और निष्पक्षता को देखते हुए, विपक्षी दलों ने उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार माना है। उनका नामांकन भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि यह चुनाव किस दिशा में जाता है।