प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से पाकिस्तान को साफ संदेश दिया। उन्होंने काह कि भारत ने तय कर लिया है कि खून और पानी एक साथ नहीं बहेंगे। देशवासियों को पता चला है कि सिंधु का समझौता कितना अन्यायपूर्ण और कितना एकतरफा है। भारत की नदियों से निकलता पानी दुश्मनों के खेत को सींच रहा है। मेरे देश के किसान और धरती पानी के बिना प्यासी है। मोदी ने पूछा कि ये ऐसा समझौता था जिसने पिछले 7 दशक से मेरे देश के किसानों का अकल्पनीय नुकसान किया है। हिंदुस्तान के हक का जो पानी है उस पर अधिकार सिर्फ और सिर्फ हिंदुस्तान का है और यहां के किसानों का है। उन्होंने कहा कि किसान हित में राष्ट्रहित में ये समझौता हमें मंजूर नहीं है।
प्रकृति हमारी परीक्षा ले रही
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि प्रकृति हम सबकी परीक्षा ले रही है। पिछले कुछ दिनों से प्राकृतिक आपदाएं, भूस्खलन, बादल फटना और ना जाने कितनी आपदाएं हम झेल रहे हैं। पीडि़तों के साथ हमारी संवेदना है। राज्य सरकारें और केंद्र सरकार मिलकर बचाव के काम में जुटी है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज़ादी का यह महापर्व 140 करोड़ संकल्पों का पर्व है। आज़ादी का यह पर्व सामूहिक सिद्धियों का, गौरव का पर्व है।