सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चुनाव आयोग को एक महत्वपूर्ण निर्देश देते हुए कहा कि वह ‘तैयार रहें, हम आपसे मतदाताओं से जुड़े तथ्यों और आंकड़ों पर कुछ सवाल करेंगे।’ इस तरह के अभ्यास में कुछ खामियां होना स्वाभाविक है। यह निर्देश चुनाव आयोग की निष्पक्षता और चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर उठ रहे सवालों के बीच आया है।
यह मामला बिहार में मतदाता सूचियों में कथित अनियमितताओं को लेकर चुनाव आयोग द्वारा शुरू की गई एसआईआर (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टिगेशन एंड रिव्यू) प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं से जुड़ा है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के वकील से कहा कि वे अगली सुनवाई के दौरान सभी संबंधित दस्तावेजों और डेटा के साथ उपस्थित रहें। पीठ ने स्पष्ट किया कि कोर्ट इस मामले को गंभीरता से ले रहा है और वह मतदाताओं से जुड़े हर पहलू पर विस्तार से जानना चाहता है।
यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब विपक्ष और कई सामाजिक कार्यकर्ता लगातार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) और चुनाव आयोग पर सवाल उठा रहे हैं। राहुल गांधी जैसे नेताओं ने ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाकर एक बड़ा अभियान चलाया है। सुप्रीम कोर्ट का यह निर्देश चुनाव आयोग के लिए एक बड़ी चुनौती है और यह देखना दिलचस्प होगा कि कोर्ट के सवालों का जवाब आयोग कैसे देता है। इस मामले की अगली सुनवाई में कोर्ट के सवालों और आयोग के जवाबों पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं। निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी की ओर से विरोध मार्च के दौरान किए गए वोट चोरी के दावों को तथ्यात्मक रूप से गलत बताया।