बिहार में मतदाता सूची में कथित धांधली और 2024 के चुनावों में फर्जी वोटिंग के विरोध में इंडिया गठबंधन के सांसदों ने सोमवार को संसद से चुनाव आयोग तक मार्च निकाला। इस मार्च को दिल्ली पुलिस ने विजय चौक पर रोक दिया और कई सांसदों को हिरासत में भी लिया। इस घटना के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर सरकार पर हमला बोला।
राहुल गांधी ने अकहा, “आज जब हम चुनाव आयोग से मिलने जा रहे थे, इंडिया गठबंधन के सभी सांसदों को रोका गया और हिरासत में ले लिया गया। वोट चोरी की सच्चाई अब देश के सामने है।” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार लोकतंत्र और संविधान को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।
“यह राजनीतिक लड़ाई नहीं, लोकतंत्र की रक्षा की लड़ाई है”
राहुल गांधी ने इस लड़ाई को राजनीतिक नहीं, बल्कि लोकतंत्र, संविधान और ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ के अधिकार की रक्षा की लड़ाई बताया। उन्होंने कहा, “एकजुट विपक्ष और देश का हर मतदाता मांग करता है: साफ़-सुथरी वोटर लिस्ट। और ये हक़ हम हर हाल में लेकर रहेंगे।”
क्या है पूरा मामला?
विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि बिहार में मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है। उनका दावा है कि लाखों फर्जी मतदाताओं के नाम सूची में शामिल हैं, जिससे 2024 के चुनावों में धांधली की जा सकती है। विपक्षी नेताओं ने चुनाव आयोग से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने और चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता सुनिश्चित करने की मांग की है।
इस मार्च में अखिलेश यादव, प्रियंका गांधी वाड्रा, मल्लिकार्जुन खड़गे, शरद पवार और सीताराम येचुरी जैसे कई वरिष्ठ नेता शामिल थे। मार्च के दौरान, पुलिस ने अखिलेश यादव को रोकने की कोशिश की, जिस पर वह बैरिकेड कूदकर आगे बढ़े, जिसकी काफी चर्चा हो रही है।