अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच दशकों पुरानी दुश्मनी खत्म हो गई है। शुक्रवार को वॉइट हाउस में दोनों देशों के नेताओं ने एक ऐतिहासिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसे एक बड़ा कूटनीतिक चमत्कार माना जा रहा है। इस समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच 1980 के दशक के उत्तरार्द्ध से चले आ रहे संघर्ष को समाप्त करना है।
आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पाशिनयान और अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने ट्रंप की उपस्थिति में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस दौरान ट्रंप ने कहा कि 35 साल तक ये देश आपस में लड़ते रहे, लेकिन अब वे दोस्त बन गए हैं। इस समझौते से दक्षिण काकेशस क्षेत्र में आर्थिक सहयोग और स्थिरता की नई राह खुलेगी।
इस शांति समझौते का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि दोनों देश एक प्रमुख ट्रांजिट कॉरिडोर बनाने पर सहमत हुए हैं, जिसका नाम ‘ट्रंप रूट फॉर इंटरनेशनल पीस एंड प्रॉस्पेरिटी’ (TRIPP) रखा गया है। यह कॉरिडोर अजरबैजान को उसके नखचिवान क्षेत्र से जोड़ेगा, जो आर्मेनियाई क्षेत्र से अलग है। इस मार्ग पर रेल लाइन, गैस पाइपलाइन और अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी। अमेरिका को इस कॉरिडोर के विकास का विशेष अधिकार भी मिलेगा।
इस समझौते को लेकर दोनों देशों के नेताओं ने ट्रंप का आभार व्यक्त किया है, और अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने तो यहां तक कहा कि ट्रंप ने छह महीने में एक चमत्कार कर दिया है। यह समझौता न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि पूरे दक्षिण काकेशस क्षेत्र के लिए एक नई सुबह लेकर आया है।