राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार का नाम तय करने का अधिकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को दिया है। यह फैसला एनडीए की एक महत्वपूर्ण बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया। इस बैठक में गठबंधन के प्रमुख नेता शामिल थे।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि सभी सहयोगी दलों ने पीएम मोदी और जेपी नड्डा पर भरोसा जताया है। एनडीए के पास लोकसभा और राज्यसभा दोनों में पर्याप्त संख्या बल है, इसलिए उनके उम्मीदवार की जीत लगभग तय मानी जा रही है।
उपराष्ट्रपति पद के लिए कई नामों पर चर्चा चल रही है। इनमें राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत और पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार के नाम प्रमुखता से लिए जा रहे हैं। हरिवंश नारायण सिंह को लेकर माना जा रहा है कि वह एक अनुभवी नेता हैं और उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त माना जा सकता है। वहीं, आचार्य देवव्रत और संतोष गंगवार के नाम भी संभावित उम्मीदवारों की लिस्ट में शामिल हैं।
चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए कार्यक्रम के अनुसार, उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त है और मतदान 9 सितंबर को होगा। इसी दिन वोटों की गिनती भी की जाएगी और परिणाम घोषित होंगे।
एनडीए की बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, और गठबंधन के अन्य प्रमुख नेता जैसे जेडीयू के ललन सिंह, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे और एलजेपी के चिराग पासवान भी मौजूद थे। इन नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि पीएम मोदी द्वारा लिया गया फैसला सभी के लिए स्वीकार्य होगा।