मध्य प्रदेश के सीहोर स्थित कुबेरेश्वर धाम में आयोजित कांवड़ यात्रा और रुद्राक्ष वितरण कार्यक्रम के दौरान पिछले कुछ दिनों में अव्यवस्थाओं के कारण सात श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। लगातार हो रही इन मौतों ने प्रशासन और कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के आयोजनों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जानकारी के अनुसार, मंगलवार को भीड़ में भगदड़ मचने से दो महिलाओं की मौत हो गई थी, जिनकी पहचान गुजरात और उत्तर प्रदेश की रहने वाली के रूप में हुई है। बुधवार को भी अत्यधिक गर्मी और भीड़ के दबाव के कारण तीन अन्य श्रद्धालुओं की जान चली गई, जिनमें हरियाणा और गुजरात के व्यक्ति शामिल थे। इसके अलावा, दो और श्रद्धालुओं की मौत की खबर सामने आई है, जिससे कुल मरने वालों की संख्या सात हो गई है। कई अन्य श्रद्धालु घायल भी हुए हैं।
जसवंती बेन राजकोट, फिरोजाबाद से आईं संगीता गुप्ता भी हादसे का शिकार हो गईं थी। गुजरात से आए 50 साल के चतुर सिंह, हरियाणा के 65 साल के ईश्वर सिंह यादव और रायपुर से आए 57 वर्षीय दिलीप कुमार की मौत हो गई थी। उत्तर प्रदेश से आए 22 वर्षीय उपेंद्र गुप्ता अचानक गिर गए। वहीं दिल्ली से 40 वर्षीय युवक अनिल की हार्ट अटैक से मौत हो गई।
यह पहली बार नहीं है जब कुबेरेश्वर धाम में अव्यवस्थाओं के चलते इस तरह का हादसा हुआ हो। करीब दो साल पहले रुद्राक्ष महोत्सव के दौरान भी भगदड़ में कई लोगों की मौत हो गई थी। उस समय भी प्रशासन की तैयारियों पर सवाल उठे थे।
इस बार भी प्रशासन और आयोजकों पर आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने श्रद्धालुओं की अनुमान से कहीं ज्यादा संख्या के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं की। पार्किंग, ट्रैफिक डायवर्जन, और मेडिकल सुविधाओं की कमी से हालात बेकाबू हो गए। इंदौर-भोपाल हाईवे पर भी 18 किलोमीटर लंबा जाम लग गया, जिससे लोगों को भारी परेशानी हुई। मानवाधिकार आयोग ने भी इस घटना पर संज्ञान लेते हुए प्रशासन से जवाब मांगा है।