प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ पर दिया गया बयान कि “व्यक्तिगत रूप से मुझे बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी,” एक गहरा कूटनीतिक और राजनीतिक संदेश देता है। यह बयान सिर्फ एक प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि भारत की विदेश नीति की स्वतंत्रता और राष्ट्रीय हितों के प्रति उसकी अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
कूटनीतिक मायने:
- अटूट राष्ट्रीय हित: पीएम मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक हितों से समझौता नहीं करेगा, भले ही इसके लिए उसे अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना क्यों न करना पड़े।
- बढ़ते वैश्विक कद: यह बयान दर्शाता है कि भारत अब किसी एक गुट का पिछलग्गू नहीं, बल्कि एक स्वतंत्र वैश्विक शक्ति है जो अपनी नीतियों का निर्धारण स्वयं करती है।
- अमेरिका को संदेश: मोदी ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिका के साथ भारत के संबंध महत्वपूर्ण हैं, लेकिन यह संबंध एकतरफा नहीं हो सकते, और भारत को भी सम्मान के साथ देखा जाना चाहिए।
राजनीतिक मायने:
- ट्रंप के टैरिफ का जवाब: पीएम मोदी ने ट्रंप के “अभी तो सिर्फ आठ घंटे ही हुए हैं” जैसे बयानों का सीधा जवाब दिया है, जिससे यह जाहिर होता है कि वह इस दबाव के आगे झुकने वाले नहीं हैं।
- किसानों को भरोसा: किसानों को संबोधित करते हुए यह बयान देना दिखाता है कि सरकार किसानों की आय बढ़ाने और उनकी रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है, भले ही इसके लिए उसे व्यापारिक तनाव का सामना क्यों न करना पड़े।
- आत्मनिर्भर भारत का संदेश: यह बयान ‘आत्मनिर्भर भारत’ की भावना को और मजबूत करता है, जिसमें भारत अपने फैसले खुद लेता है और अपनी अर्थव्यवस्था को बाहरी झटकों से बचाने के लिए तैयार रहता है।
पीएम मोदी का यह बयान न केवल ट्रंप के टैरिफ का एक मजबूत जवाब है, बल्कि यह एक उभरते हुए भारत की कूटनीतिक परिपक्वता और आत्मविश्वास का भी प्रतीक है।