प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को दिल्ली के कर्तव्य पथ पर स्थित ‘कर्तव्य भवन’ का उद्घाटन किया। यह भवन भारत सरकार के कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों और विभागों को एक ही छत के नीचे लाने के उद्देश्य से बनाया गया है। इस कदम का लक्ष्य सरकारी कामकाज में दक्षता, नवाचार और आपसी सहयोग को बढ़ावा देना है।
प्रधानमंत्री ने उद्घाटन के दौरान कहा कि “कर्तव्य भवन सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि देश के विकास और गवर्नेंस का प्रतीक है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि यह नया केंद्र मंत्रालयों के बीच तालमेल बढ़ाएगा और फाइलों की आवाजाही में लगने वाले समय को कम करेगा, जिससे सरकारी कामकाज में तेजी आएगी।
कर्तव्य भवन को दिल्ली भर में फैले विभिन्न मंत्रालयों और विभागों को एक साथ लाकर दक्षता, नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, एमएसएमई मंत्रालय, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी), पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय/विभाग और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) के कार्यालय होंगे।
इन मंत्रालयों के दफ्तर होंगे ‘कर्तव्य भवन’ में:
- गृह मंत्रालय
- विदेश मंत्रालय
- ग्रामीण विकास मंत्रालय
- एमएसएमई मंत्रालय
- कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी)
- पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय
- प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) का कार्यालय
‘कर्तव्य भवन’ को अत्याधुनिक तकनीक और पर्यावरण-अनुकूल डिजाइन के साथ बनाया गया है। इसमें आधुनिक बैठक कक्ष, डिजिटल लाइब्रेरी और सहयोग के लिए विशेष स्थान बनाए गए हैं। सरकार का मानना है कि इस तरह के एकीकृत भवन से विभिन्न विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित होगा, जिससे नीतियों को लागू करने और उनका पालन करने में आसानी होगी।
इस परियोजना को केंद्र सरकार के ‘सेंट्रल विस्टा’ पुनर्विकास योजना के तहत बनाया गया है, जिसका मकसद दिल्ली में एक आधुनिक और कुशल प्रशासनिक केंद्र स्थापित करना है।