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    भारत को कमजोर देखना चाहता है अमेरिका, डील चाहते ही नहीं ट्रंप.. इस अर्थशास्त्री की थी भविष्यवाणी

    कोलंबिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और दुनिया के जाने-माने अर्थशास्त्री जेफ्री सैक्स की भारत-अमेरिका संबंधों को लेकर की गई भविष्यवाणी सच साबित होती दिख रही है। सैक्स ने कुछ महीने पहले ही कहा था कि अमेरिका, भारत को चीन के खिलाफ एक मोहरे के तौर पर इस्तेमाल करना चाहता है और अगर भारत आर्थिक रूप से बहुत सफल होता है, तो अमेरिका उसे कमजोर करने की कोशिश करेगा। उनकी यह चेतावनी अब तब सच साबित हो रही है, जब अमेरिका ने भारत पर 25% का टैरिफ लगा दिया है।

    सैक्स ने अप्रैल में एक कार्यक्रम में कहा था, “अगर भारत अमेरिका के साथ कोई व्यापार समझौता करने में कामयाब हो जाता है तो यह मेरे लिए बहुत बड़ी हैरानी होगी।” उन्होंने यह भी कहा था कि अमेरिका की सरकार को भारत के हित से कोई मतलब नहीं है और डोनाल्ड ट्रंप जैसे नेता भारतीय निर्माताओं के लिए अमेरिकी बाजार के दरवाजे नहीं खोलेंगे।

    उनकी इस भविष्यवाणी को तब और बल मिला जब हाल ही में ट्रंप प्रशासन ने भारत के कई उत्पादों पर उच्च टैरिफ लगा दिए, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ गया है। सैक्स ने पहले भी चेतावनी दी थी कि “अमेरिका की दोस्ती” से सावधान रहना चाहिए, क्योंकि अक्सर अमेरिकी मित्रता उन देशों को नुकसान पहुंचाती है जो उनके बहुत करीब आते हैं।

    उन्होंने यह भी कहा था कि अमेरिका का लक्ष्य चीन को रोकना है और वह इसके लिए भारत का इस्तेमाल करना चाहता है, लेकिन भारत की अपनी स्वतंत्र विदेश नीति और आर्थिक हित हैं। सैक्स का यह मानना है कि भारत को अमेरिकी ‘खेल’ में नहीं फंसना चाहिए। अब जबकि दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध तनावपूर्ण हो रहे हैं, सैक्स की ये बातें भारतीय नीति-निर्माताओं के लिए और भी प्रासंगिक हो गई हैं।

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