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    गंगा-यमुना खतरे के निशान से पार, 27 गांवों में चलानी पड़ी रहीं नावें

    उत्तर प्रदेश में भारी बारिश के बाद गंगा और यमुना नदियां अपने रौद्र रूप में हैं। दोनों नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है, जिससे कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। प्रयागराज, वाराणसी, मिर्जापुर, हमीरपुर और फर्रुखाबाद जैसे जिले बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं।

    प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। प्रशासन के अनुसार, नैनी में यमुना और फाफामऊ में गंगा खतरे के निशान को पार कर गई हैं। नतीजतन, निचले इलाकों और ग्रामीण क्षेत्रों में पानी भर गया है, जिससे लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लगभग 27 गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है, और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए नावों का सहारा लेना पड़ रहा है।

    वाराणसी में भी गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। शहर के सभी 84 घाट जलमग्न हो गए हैं। अस्सी, सामनेघाट और मारुति नगर जैसे इलाकों में गंगा और सहायक नदी वरुणा का पानी सड़कों तक पहुंच गया है। कई घरों और मंदिरों में पानी घुसने से लोग दहशत में हैं। मिर्जापुर और फर्रुखाबाद में भी स्थिति गंभीर बनी हुई है। यहां गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु तक पहुंच गया है।

    उत्तर प्रदेश सरकार ने बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत और बचाव कार्यों के लिए टीम का गठन किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे हर बाढ़ पीड़ित तक समय पर सहायता पहुंचाएं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं, और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही हैं।

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