कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने संसद में पहलगाम आतंकी हमले पर सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि मैं उन सभी जवानों को नमन करना चाहती हूं, जो हमारे देश के रेगिस्तानों में, घने जंगलों में, बर्फीली पहाडिय़ों में हमारे देश की रक्षा करते हैं। जो हर पल देश के लिए अपनी जान देने के लिए तैयार रहते हैं। 1948 से लेकर अब तक जब पाकिस्तान की तरफ से कश्मीर पर हमला किया गया- हमारे देश की अखंडता की रक्षा करने में हमारे जवानों का बड़ा योगदान है। पहलगाम में जब आतंकी हमला हुआ तो हमारी सुरक्षा एजेंसियां क्या कर रही थीं। जब यूपीए के कार्यकाल में हमले हुए, तब हमारी सीएम, गृहमंत्री ने इस्तीफा देकर अपनी जिम्मेदारी कबूली।
आज भी अपने पद पर बैठे हैं अमित शाह
प्रियंका ने कहा कि अमित शाह के कार्यकाल में मणिपुर जल गया, पहलगाम हमला हुआ, लेकिन वे आज भी अपने पद पर बैठे हैं। देश खोखले भाषण नहीं सुनना चाहता, जवाबदेही चाहता है। 22 अप्रैल को क्या हुआ, यह देश जानना चाहता है। सेना, देश और संसद से सच छिपा रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर पर हम सबने समर्थन किया। आगे भी हम आपका समर्थन करने के लिए तैयार हैं। हमें अपनी सेना पर गर्व है कि इस बार भी उन्होंने दृढ़ता से लड़ाई लड़ी, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर का श्रेय प्रधानमंत्री चाहते हैं। श्रेय लें अच्छा है। लेकिन श्रेय लेने से नेतृत्व नहीं होता, जिम्मेदारी भी लेनी होती है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, वहां (बैसरन घाटी, पहलगाम में) एक भी सुरक्षाकर्मी क्यों मौजूद नहीं था? क्या नागरिकों की सुरक्षा प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी नहीं है?”