केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर विपक्ष के सवालों का तीखा जवाब दिया। उन्होंने कांग्रेस पर देश के विभाजन को स्वीकार कर देश को तोड़ने और अब पाकिस्तान को क्लीन चिट देने का आरोप लगाया। शाह ने कहा कि विपक्ष को इस मामले पर सवाल पूछने का कोई अधिकार नहीं है।
अमित शाह ने लोकसभा में कहा, “मैं एक बात कहना चाहता हूं कि ये सारी आतंकवाद की जड़ पाकिस्तान है और पाकिस्तान कांग्रेस पार्टी की भूल है। इन्होंने विभाजन को स्वीकार करके देश को तोड़ा है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत सरकार डोजियर नहीं, बल्कि जवाब देती है। शाह ने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी और पाकिस्तान के डीजीएमओ को सीजफायर के लिए पहल करनी पड़ी।
अमित शाह ने कहा, ” पाकिस्तान के 6 रडार सिस्टम नष्ट कर दिए गए। उन्होंने हमारे रिहायशी इलाकों पर हमला किया, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया। हमने केवल उनके हवाई ठिकानों पर हमला किया और उनकी क्षमताओं को बर्बाद कर दिया। हमारे सशस्त्र बल अक्षुण्य थे और उनकी हमलावर क्षमताएं नष्ट कर दी गईं। पाकिस्तान के पास आत्मसमर्पण करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। इसलिए 10 मई को पाकिस्तानी DGMO ने हमारे DGMO को फोन किया और हमने शाम 5 बजे संघर्ष रोक दिया।
गृह मंत्री ने इतिहास का हवाला देते हुए कांग्रेस पर कई हमले किए। उन्होंने कहा, “1948 में कश्मीर में हमारी सेनाएं निर्णायक बढ़त पर थीं, लेकिन सरदार पटेल के मना करने के बावजूद जवाहरलाल नेहरू ने एकतरफा युद्धविराम कर दिया। मैं इतिहास का छात्र हूं, जिम्मेदारी के साथ बोलता हूं कि पीओके का अस्तित्व है तो वो नेहरू के कारण है।” शाह ने 1960 के सिंधु जल समझौते और 1965 की लड़ाई के बाद हाजीपीर जैसे रणनीतिक स्थलों को लौटाने के फैसलों पर भी सवाल उठाए।
शाह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जब भारतीय सेना ने पहलगाम हमले में शामिल तीनों आतंकियों को मार गिराया तो उन्हें लगा था कि विपक्षी दलों में खुशी की लहर दौड़ जाएगी, “मगर स्याही पड़ गई इनके चेहरे पर। यह कैसी राजनीति है?” उन्होंने कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम के उस बयान पर भी आपत्ति जताई जिसमें उन्होंने पूछा था कि क्या सबूत है कि आतंकवादी पाकिस्तानी थे। शाह ने कहा, “हमारे पास सबूत है कि तीनों पाकिस्तानी थे और उन्हें अब सेना ने ढेर कर दिया है। ये लोग पाकिस्तान को क्लीन चिट दे रहे हैं।”
गृह मंत्री ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उद्देश्य पाकिस्तान द्वारा पाले गए आतंकवाद की नर्सरियों को नष्ट करना था और भारत ने अपनी सैन्य क्षमता के साथ-साथ राष्ट्रीय संकल्प का भी प्रदर्शन किया है।